वकीलों को लोकल ट्रेन में यात्रा के लिए नहीं दे सकते अनुमति

वकीलों को लोकल ट्रेन में यात्रा के लिए नहीं दे सकते अनुमति

Tejinder Singh
Update: 2020-07-21 13:44 GMT
वकीलों को लोकल ट्रेन में यात्रा के लिए नहीं दे सकते अनुमति

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि वकीलों को लोकल ट्रेन में सफर करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। सरकार ने कोरोना के प्रकोप के कारण ट्रेन में सीमित लोगों को सफर की अनुमति दी है। ताकि सामाजिक दूरी के नियम को कायम रखा जा सके और भीड़भाड़ को कम किया जा सके। अभी ट्रेन भी सीमित  चलाई जा रही है। हलफनामे में कहा गया है कि वकील ट्रेन में सफर करने को अपना वैधानिक अधिकार नहीं बता सकते। फिलहाल ट्रेन में सरकारी कर्मचारियों व स्वास्थ्य कर्मियों को  सफर की इजाजत है। 

हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने कहा 

इस विषय पर पेशे से वकील चिराग चेनानी ने जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि वकीलों को यात्रा की अनुमति न देना भेदभाव पूर्ण है। इसलिए वकीलों को ट्रेन में सफर की इजाजत दी जाए। सरकार के हलफनामे में कहा गया है कि लोगों को निजी वाहन के इस्तेमाल की इजाजत है। निजी वाहन में सिर्फ यात्रियों की संख्या पर पाबंदी लगाई गई है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को एक सप्ताह में सरकार के हलफनामे पर अपना जवाब देने को कहा है।
 
 

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