स्वामी विवेकानंद जयंती के उपलक्ष्य पर व्याख्यान का आयोजन

रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय स्वामी विवेकानंद जयंती के उपलक्ष्य पर व्याख्यान का आयोजन

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-17 13:04 GMT
स्वामी विवेकानंद जयंती के उपलक्ष्य पर व्याख्यान का आयोजन

डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद जयंती (राष्ट्रीय युवा दिवस) के अवसर पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य वक्ता श्री शैलेंद्र शर्मा, अध्यक्ष, मध्य प्रदेश कौशल विकास और रोजगार निर्माण बोर्ड उपस्थित थे। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रहम प्रकाश पेठिया और शिक्षाविद डॉ. अमिताभ सक्सेना भी विशेष रूप से उपस्थित थे। 

इस मौके पर श्री शैलेंद्र शर्मा जी ने कहा कि भारत के नागरिकों में खासियत है कि हम कितने ही पढ़ लिख ले, पैसे वाले बन जाए या बड़े पदाधिकारी हो जाए पर कुछ ऐसी मूलभूत चीजें होती है जो हमारे सबकॉन्शियस में ऐसी रजिस्टर होती हैं कि अनजाने में ही सही पर हमें हमारी मिट्टी से जोड़े रखती हैं। उदाहरण के तौर पर दिवाली पर पटाखे लेने जाते हैं और कोई गरीब दीया बेच रहा होता है तो हम स्वयं उसके पास जा कर दीया खरीदते हैं। यह कोई दया भाव नहीं है यह समाज में सब लोगों को एक साथ रहकर परस्पर सहयोग से जीवन जीने का भाव है। यह भारत की प्रकृति है स्वभाव है। स्वामी विवेकानंद का जीवन दर्शन भी इसी समाज को प्रेरित करता है। 9/11 (11 सितंबर 1893) को स्वामी विवेकानंद का शिकागो का भाषण पूरी दुनिया को याद रखना चाहिए यही एक गहरा अध्यात्म और मानवता का रास्ता है। 

कार्यक्रम के प्रारंभ में डाॅ. ब्रहम प्रकाश पेठिया जीने स्वागत वक्तव्य देते हुए सभी का स्वागत किया साथ ही उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी के विचारों और उनके व्यक्तित्व से विद्यार्थियों को रूबरू कराया। वहीं डॉ अमिताभ सक्सेना जी ने विद्यार्थियों को बताया कि स्वामी विवेकानंद जी आखिर स्वामी विवेकानंद बने कैसे। उन्होंने बताया कि राजस्थान में एक स्थान है खेतड़ी नगर। खेतड़ी नगर के राजा अजीत सिंह हुआ करते थे। स्वामी विवेकानंद जी एक समय उनके नगर में प्रवास पर गए। उनके प्रवास के दौरान राजा अजीत सिंह लंबे समय तक उनके सानिध्य में रहे। राजा ने उनसे प्रभावित होकर कहा कि आप बहुत विवेकशील हैं तो अब आपका नाम विवेकानंद होगा। उन्होंने आगे विद्यार्थियों को बताया कि विवेकानंद जी के विचार हम सब को सदैव प्रेरणा देते हैं यह वो दीपक हैं जिस दीपक की ओर बढ़ने से हम खुद ऊर्जावान होते हैं। 

कार्यक्रम का संचालन और समन्वयन विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी जी ने किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में फैकल्टी और विद्यार्थीगण उपस्थित थे।
 

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