विधान परिषद चुनाव : राकांपा से पूर्व मंत्री शिंदे व अकोला के मिटकरी हो सकते हैं उम्मीदवार, सीट बंटवारे को लेकर महा आघाडी में विवाद

विधान परिषद चुनाव : राकांपा से पूर्व मंत्री शिंदे व अकोला के मिटकरी हो सकते हैं उम्मीदवार, सीट बंटवारे को लेकर महा आघाडी में विवाद

Tejinder Singh
Update: 2020-05-07 14:46 GMT
विधान परिषद चुनाव : राकांपा से पूर्व मंत्री शिंदे व अकोला के मिटकरी हो सकते हैं उम्मीदवार, सीट बंटवारे को लेकर महा आघाडी में विवाद

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधान परिषद चुनाव के लिए राकांपा पूर्व मंत्री शशिकांत शिंदे व अमोल मिटकरी को उम्मीदवार बना सकती है। सूत्रों के अनुसार शिंदे के विधायक बनने के बाद उन्हें प्रदेश राकांपा की कमान भी मिलने की संभावना है। विधान परिषद की नौ सीटों के लिए आगामी 21 मई को चुनाव होने हैं। इसके लिए नामांकन की अंतिम तिथि 11 मई है। पर अभी तक किसी भी दल ने अपने उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार राकांपा ने अपने दो उम्मीदवारों का चयन कर लिया है। पूर्व मंत्री शिंदे के अलावा विदर्भ के अकोला निवासी मिटकरी भी राकांपा उम्मीदवारो में शामिल हो सकते हैं। विदर्भ में पार्टी को मजबूत करने के लिए राकांपा मिटकरी को मौका देना चाहती है। बीते लोकसभा व विधानसभा चुनाव में मिटकरी ने राकांपा की जनसभाओं के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। फिलहाल मिटकरी राकांपा के महासचिव हैं। 


विप सीट बंटवारे को लेकर महा आघाडी में विवाद

विधान परिषद की नौ सीटों के लिए होने वाले चुनाव सत्ताधारी महाविकास आघाडी में सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। कांग्रेस दो सीटों पर अड़ी हुई है तो राकांपा भी दो से कम सीट पर चुनाव लड़ने को राजी नहीं। फिलहाल विपक्षी दल भाजपा ने भी अभी अपने उम्मीदवारो का खुलासा नहीं किया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस चुनाव में उम्मीदवार हैं, इस लिए शिवसेना चाहती है यह चुनाव निर्विरोध हो जाए। विधानसभा सदस्यों के मतदान वाले इस चुनाव में विधायकों की संख्या के लिहाज से भाजपा के तीन, शिवसेना व राकांपा के दो और कांग्रेस का एक उम्मीदवार चुना जा सकता है। जबकि नौवी सीट के लिए सत्ता व विपक्ष में रस्साकसी होगी। भाजपा को अपने चौथे उम्मीदवार की जीत के लिए आघाडी की तुलना में कम वोटों की जरुपरत पड़ेगी। इस चुनाव में गुप्त मतदान होता है इस लिए भाजपा चौथी सीट के लिए अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है। इस लिए भाजपा नेताओं का कहना है कि यदि सत्ताधारी दल चाहते हैं कि मतदान की नौबत न आए तो भाजपा के लिए चार सीट छोड़ी जाए। ऐसी स्थिति में शिवसान, कांग्रेस व राकांपा को पांच सीटों से संतोष करना पड़ेगा पर कांग्रेस-राकांपा में कोई एक सीच कुर्बान करने को तैयार नहीं दिखाई दे रहे।

राज्यसभा चुनाव का हिसाब बराबर करे राकांपा

इसके पहले राज्यसभा चुनाव में राकांपा दो सीटों पर लड़ी थी। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उस वक्य यह बात तय हुई थी कि विधान परिषद चुनाव में राकांपा इसकी भरपाई करते हुए कांग्रेस के लिए दो सीट छोड़ेगी पर अब राकांपा इसके लिए तैयार नहीं हो रही है। इसको लेकर आघाडी नेताओं की बैठक हो चुकी है पर कोई हल नहीं निकल सका। सूत्रों के अनुसार अब राकांपा अध्यक्ष इस बाबत दिल्ली के कांग्रेस नेताओं से बात कर हल निकालेंगे। इस चुनाव के नामांकन के लिए 11 मई अंतिम तिथि है। एक सीट के लिए 29 वोट की जरुरत पडेगी। भाजपा सूत्रों की माने तो कांग्रेस झुक जाएगी और यह चुनाव निर्विरोध हो जाएगा। 

उम्मीदवारी के इच्छुकों में ये हैं शामिल

भाजपा : एकनाथ खडसे, पंकजा मुंडे, विनोद तावडे, चंद्रशेखर बावनकुळे, प्रकाश मेहता, रणजितसिंह मोहिते- पाटील, धनंजय महाडिक, हर्षवर्धन पाटील, माधव भांडारी
राष्ट्रवादी कांग्रेस : शशिकांत शिंदे, सुरेखा ठाकरे, अमोल मिटकरी, रुपाली चाकणकर, शिवाजीराव गर्जे, अदिती नलावडे, महेश तपासे, परवेज कोकणी
कांग्रेस : नसीम खान, अनिस अहमद, माणिकराव ठाकरे, मुजफ्फर हुसेन, चारूलता टोकस, सचिन सावंत, गणेश पाटील, राजेश शर्मा, संजय दत्त। 

     

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