लॉक डाउन में शराब के शौकिनों ने सरकारी खजाने को संभाला, तिजोरी में जमा हुआ 3842 करोड़ 

लॉक डाउन में शराब के शौकिनों ने सरकारी खजाने को संभाला, तिजोरी में जमा हुआ 3842 करोड़ 

Tejinder Singh
Update: 2020-09-22 14:21 GMT
लॉक डाउन में शराब के शौकिनों ने सरकारी खजाने को संभाला, तिजोरी में जमा हुआ 3842 करोड़ 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संकट ने सरकार की तिजोरी पर विपरीत असर डाला है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान हुई शराब की बिक्री से सरकार की तिजोरी में 3842.32 करोड़ जमा हुए है। इससे सरकार के राजस्व में बड़ा इजाफा हुआ है। कोरोना संकट के कारण बंद हुई शराब की दुकानों को 3 मई 2020 से शराब बिक्री की अनुमति प्रदान की गई थी। पहले केवल ऑनलाइन के जरिए शराब की होम डिलीवरी की छूट दी गई थी। राज्य उत्पादन शुल्क विभाग ने साल 2020-21 में 19 हजार 225 करोड़ रुपए के राजस्व का लक्ष्य रखा है। अप्रैल से अगस्त के बीच यानी पांच महीनों में उत्पाद शुल्क विभाग को शराब की विक्री से 3842.32 करोड़ रुपए मिले हैं। जो कि पिछले साल की तुलना में 37 प्रतिशत कम है। पिछले पांच महीने में देशी शराब की 9.40 करोड़ लीटर, विदेशी शराब 5.88 करोड़ लीटर, बियर 5.23 करोड़ लीटर व वाइन 17.62 लाख लीटर बिकी है। हालांकि यह आकड़ा पिछले साल की तुलना में कम है। गत वर्ष की तुलना में इस बार देशी शराब में 38 प्रतिशत, विदेशी शराब 33 प्रतिशत,बीयर में 63 प्रतिशतव वाइन में 39 प्रतिशत की कमी आई है। 

डेढ़ लाख लोगों ने मांगा शराब पीने का लाईसेंस

राज्य उत्पादन शुल्क विभाग के मुताबिक 1 अप्रैल से 18 सितंबर 2020 के बीच शराब के सेवन के लाइसेंस के लिए 1,56,085 लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किया। इसमें से 1,50,955 आवेदनों को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही नियमों के उल्लंघन को लेकर 1 अप्रैल से 21 सितंबर 2020 के बीच 18587 मामले दर्ज किए गए। इसमें से 10 हजार 109 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 1718 वाहन व 42 .76 करोड़ रुपए की शराब जब्त की गई। गौरतलब है कि कोरोना प्रकोप के चलते उद्योग धंधे पूरी तरह से बंद थे। सरकार की तिजोरी खाली पड़ी थी। ऐसे में शराब की बिक्री से सरकार के राजस्व में बड़ा इजाफा हुआ है। 


 

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