लोकसभा : शिवसेना ने किया कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक का समर्थन, MIM ने औरंगाबाद में पानी समस्या का मुद्दा उठाया

लोकसभा : शिवसेना ने किया कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक का समर्थन, MIM ने औरंगाबाद में पानी समस्या का मुद्दा उठाया

Tejinder Singh
Update: 2019-06-28 13:23 GMT
लोकसभा : शिवसेना ने किया कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक का समर्थन, MIM ने औरंगाबाद में पानी समस्या का मुद्दा उठाया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एमआईएम सांसद इम्तियाज जलील ने अपने संसदीय क्षेत्र औरंगाबाद में पानी की समस्या का मसला लोकसभा में प्रभावी ढंग से उठाया और आरोप लगाया कि सरकार औरंगाबाद में पानी की आपूर्ति का निजीकरण करना चाहती है। सांसद ने देश में पानी की गंभीर होती समस्या के मद्देनजर कम-से-कम आठ दिन का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। इम्तियाज जलील ने लोकसभा में यह मसला शून्यकाल के दौरान उठाया। उन्होने कहा कि औरंगाबाद में इस समय आठ से दस दिन बाद पानी की आपूर्ति हो रही है। इसकी वजह से पानी के लिए महिलाओं को रात-रात भर जगना पड़ रहा है। इसे स्व निर्मित समस्या बताते हुए सांसद ने कहा कि इसकी एक बड़ी वजह यह है कि एक बड़ी राजनीतिक पार्टी के एक बड़े नेता ने एक निजी कंपनी को औरंगाबाद में पानी आपूर्ति का ठेका दिया है। देश में यह पहला मामला है जब पानी का निजीकरण किया जा रहा है। हमारी मांग है कि सरकार इस पर गौर करे और इस पर फौरन रोक लगे।

समांतर नामक कंपनी को लाने की हो रही कोशिश 

जलील ने सदन को बताया कि औरंगाबाद में एक समांतर नाम की कंपनी को एक पायलट प्रोजेक्ट बताकर काम दिया जा रहा है। उन्होने कहा कि देश में यदि पानी बेचना शुरू कर दिया जाए तो हाहाकार मचना तय है। उन्होने मांग कि केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार पानी की समस्या दूर करने के लिए कम-से-कम आठ दिन का विशेष सत्र बुलाए या फिर इसी सत्र के दौरान कम-से-कम दो-चार दिन पानी के ऊपर चर्चा करे।

शिवसेना ने जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक का समर्थन किया

शिवसेना ने जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक का समर्थन किया है। शुक्रवार को भारी हंगामे के बीच लोकसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल पास हो गया। इस विधेयक को समर्थन देते हुए शिवसेना के सांसद राहुल शेवाले ने कहा कि 1949 में संविधान निर्माता डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ने धारा 370 का ड्राफ्ट करने से मना किया था। पर पंडित नेहरु के कहने पर गोपालस्वामी अय्यंगार ने धारा 370 का ड्राफ्ट तैयार किया। उन्होने कहा कि मूल रुप से इस धारा में यह प्रावधान किया गया था कि यहां के महाराजा केन्द्रीय मंत्रीमंडल की शिफारसों के अनुकूल कार्य करेंगे, लेकिन पंडित नेहरु और शएख अब्दुल्ला की सांठगांठ से इसमें संशोधन करके मंत्रीमंडल के बजाय राज्य सरकार के अधीन कर दिया। शेवाले अपनी बात रखते हुए कहा कि शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे भी धारा 370 निरस्त किए जाने के पक्ष में थे। उन्होने अलग-अलग पार्टियों की केन्द्र में बनी सरकार से इस धारा को हटाकर जम्मू-कश्मीर को मुख्यधारा में लाने की वकालत की थी। देश के पहले गृहमंत्री सरदार पटेल भी इसके पक्ष में नही थे।
 

Tags:    

Similar News