रक्षाबंधन पर 'चंद्रग्रहण' का साया, इस डेढ़ घंटे में राखी बांधने का मुहूर्त

रक्षाबंधन पर 'चंद्रग्रहण' का साया, इस डेढ़ घंटे में राखी बांधने का मुहूर्त

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-07 04:27 GMT
रक्षाबंधन पर 'चंद्रग्रहण' का साया, इस डेढ़ घंटे में राखी बांधने का मुहूर्त

डिजिटल डेस्क,कटनी। भाई-बहन के प्यार का त्यौहार रक्षाबंधन पर भद्रा और चंद्रग्रहण का साया मंडरा रहा  है। चंद्रग्रहण और भद्रा होने की वजह से राखी बांधने के लिए ढाई घंटे का ही समय मिलेगा। राखी पर ही चंद्रग्रहण का ये दूसरा अवसर है, जो 12 साल बाद आया है। विद्वान इसे चूड़ामणि चंद्रग्रहण भी कहते हैं। 

गौरतलब है कि साल 2005 में रक्षाबंधन के दिन चंद्रग्रहण का संयोग बना था। इसके ठीक 12 साल बाद इस साल रक्षाबंधन पर यह संयोग बन रहा है। राखी बांधने के लिए करीब ढाई घंटे का समय बहनों को मिलेगा। ज्योतिषियों के अनुसार सुबह 11 बजकर 5 मिनट से दोपहर 1 बजकर 30 मिनट तक भाईयों को राखी बांधी जा सकती है। हालॉकि चंद्रग्रहण के बावजूद भाई-बहनों के उत्साह में कोई कमी नहीं है।

आखिरी सोमवार पर ग्रहण की छाया
भगवान महादेव की आराधना के पावन मास श्रावण के अंतिम और पांचवे सावन सोमवार के विशेष संयोग पर चंद्रग्रहण की छाया का योग भी बना है। चंद्रग्रहण की वजह से भक्तों को भगवान शिव की आराधना के लिए काफी कम समय मिलेगा। इतना ही नहीं सबसे अधिक विषम परिस्थिति उन व्रतधारियों के सामने खड़ी हो रही है, जिन्होंने सावन सोमवार का व्रत धारण किया है। ज्योतिषियों के अनुसार चंद्र ग्रहण सोमवार रात्रि 10.52 से रात्रि 12.48 तक रहेगा। जिसका सूतककाल दोपहर करीब 1 बजकर 52 मिनिट से शुरू होगा। इसकी वजह से दोपहर 1.52 के बाद शिवालयों सहित मंदिरों के पट रात तक के लिए बंद हो जाएंगे। ऐसे में भक्तों को ब्रम्ह मुहूर्त सोमवार सुबह 4 बजे से दोपहर 1.52 तक समय शिव आराधना के लिए प्राप्त होगा।
 

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