महानंद डेयरी घोटाला : अजित पवार, मुश्रीफ सहित 58 लोगों को नोटिस

महानंद डेयरी घोटाला : अजित पवार, मुश्रीफ सहित 58 लोगों को नोटिस

Tejinder Singh
Update: 2019-02-12 15:49 GMT
महानंद डेयरी घोटाला : अजित पवार, मुश्रीफ सहित 58 लोगों को नोटिस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानंद डेयरी के संचालकों द्वारा 2009 से 2014 के बीच करीब पौने दो करोड़ रुपए की अनियमितता के मामले में नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा गया है।  सरकार की ऑडिट रिपोर्ट में साफ हुआ है कि यात्रा, वाहन भत्ता, घर किराया जैसे खर्च के नाम पर अनाप शनाप पैसे खर्च किए गए। इस मामले में अजित पवार, हसन मुश्रीफ समेत 58 लोगों को नोटिस भेजा गया है। जांच में खुलासा हुआ था कि संचालकों ने आर्थिक मनमानी करते हुए भुम तालुका दूध संघ के लिए अग्रिम खर्च के रुप में 65 लाख रुपए मंजूर कर लिए गए जबकि नियमों के मुताबिक इस काम के लिए सिर्फ 25 लाख रुपए तक खर्च किए जा सकते थे। संचालकों ने मंजूरी देने से पहले आम सभा या सहकारी निबंधक की इजाजत भी नहीं ली। इसके चलते पहले से आर्थिक तंगी से जूझ रही महानंद की हालत और खराब हो गई। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि यात्रा खर्च के लिए जरूरी बिल दिए बिना 68 लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया है। इसके अलावा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संचालकों के घरों के लिए भी करीब 32 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। डेयरी उत्पादों के अलावा दूसरी चीजों के विज्ञापन पर भी पांच लाख रुपए खर्च किए जाने का खुलासा हुआ है। तत्कालीन विपक्ष के नेता एकनाथ खडसे ने विधानसभा में इस मामले की जांच की मांग की थी। इस मुद्दे पर विधानमंडल में चर्चा भी हुई थी।

अब सहकारिता विभाग ने इस फिजूलखर्ची के लिए तत्कालीन संचालक मंडल को जिम्मेदार ठहराया है। नुकसान की जिम्मेदारी तय करने के लिए सहायक निबंधक डीबी गोस्वामी को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है। गोस्वामी के मुताबिक यह साफ है कि आर्थिक नुकसान के लिए तत्कालीन व्यवस्थापकीय संचालक और संचालक मंडल जिम्मेदार है। इसलिए सभी संबंधितों को नोटिस भेजकर 20 फरवरी तक जवाब देने को कहा गया है। इस बीच कोल्हापुर जिला सहकारी दूध उत्पादक संघ (गोकुल) में हुई 198 करोड़ रुपए की अनियमितता के जांच के आदेश भी सहकारिता विभाग ने दे दिए हैं। बताया जा रहा है कि पिछले चार सालों में कोल्हापुर से मुंबई दूध लाने का ठेका दूसरे संघों से ज्यादा दर पर दिया गया है।

 

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