अब घर जाकर बुजुर्गों को टीका लगाने के लिए तैयार हुई सरकार राज्य

अब घर जाकर बुजुर्गों को टीका लगाने के लिए तैयार हुई सरकार राज्य

Tejinder Singh
Update: 2021-06-30 11:55 GMT
अब घर जाकर बुजुर्गों को टीका लगाने के लिए तैयार हुई सरकार राज्य

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि वह केंद्र सरकार की मंजूरी की प्रतीक्षा किए बिना ही जल्द  प्रयोग के तौर पर बिस्तर पर पड़े बुजुर्गों को घर जाकर कोरोना का टीका प्रदान करेगी। राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने कहा कि प्रयोग के तौर पर बुजुर्गों को घर जाकर कोरोना का टीका देने की शुरुआत पहले पुणे जिले से की जाएगी।

घर में टीका लेने वाले बुजुर्गों से डॉक्टर का प्रमाणपत्र मांगने की शर्त को लेकर खंडपीठ ने कहा कि आखिर प्रमाण पत्र देने वाले डॉक्टर को टीके का विपरीत असर होने के लिए कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। खंडपीठ ने टीके के लिए डॉक्टर का प्रमाण पत्र देने की शर्त को अव्यवहारिक बताया। खंडपीठ ने कहा कि हम अपेक्षा करते कि राज्य सरकार घर में टीका लेनेवाले बुजुर्ग से डॉक्टर का प्रमाण पत्र दिखाने पर जोर नहीं देगी। प्रसंगवश खंडपीठ ने कहा कि त्रिपुरा के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को कोविड का टीका देने के लिए डॉक्टर व नर्स उनके घरों में जा रहे हैं।

हाईकोर्ट में 75 साल के ऊपर के बुजुर्गों को घर घर जाकर टीका प्रदान करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका सुनवाई चल रही है। मंगलवार को खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा था कि उसे घर-घर जाकर बुजुर्गों को कोविड का टीका देने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी की जरूरत क्यों है। क्योंकि बिहार व केरल में पहले से घर-घर जाकर कोविड का टीका दिया जा रहा है। कोर्ट के इस सवाल के मद्देनजर बुधवार को राज्य के महाधिवक्ता कुंभकोणी ने खंडपीठ को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार जल्द ही बिस्तर में पड़े लोगों के लिए घर घर जाकर टीके की शुरूआत करेंगी। खंडपीठ ने अब गुरुवार को इस याचिका पर सुनवाई रखी है। 


 


 
 

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