पुलिस हिरासत में मौत के मामले में सबसे आगे है महाराष्ट्र, तीन साल में 342 केस

पुलिस हिरासत में मौत के मामले में सबसे आगे है महाराष्ट्र, तीन साल में 342 केस

Tejinder Singh
Update: 2019-10-30 14:51 GMT
पुलिस हिरासत में मौत के मामले में सबसे आगे है महाराष्ट्र, तीन साल में 342 केस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर के वडाला टीटी पुलिस स्टेशन में हिरासत में विजय सिंह नाम के युवक की मौत के बाद राज्य में एक बार फिर पुलिस सवालों के घेरे में हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े बताते हैं कि हिरासत में मौत के मामले में महाराष्ट्र सबसे आगे है यही नहीं। महाराष्ट्र में ही पुलिसवालों के खिलाफ सबसे ज्यादा आपराधिक मामले भी दर्ज किए गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक पिछले तीन सालों में देशभर में पुलिस हिरासत में 342 लोगों ने अपनी जान गंवाई हैं जिनमें से 68 की मौत महाराष्ट्र पुलिस की हिरासत में हुई है। इसके बाद उत्तर प्रदेश और गुजरात आते हैं जहां क्रमश: 36 और 34 मौते पुलिस हिरासत में हुईं हैं। हाल ही में जारी एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 में देशभर में कुल 100 लोगों ने पुलिस हिरासत में जान गंवाई जिसमें से 15 लोगों की मौत महाराष्ट्र पुलिस की हिरासत में हुई। जान गंवाने वाले इन 15 लोगों में से 10 पुलिस रिमांड में थे। साल 2017 में पुलिस हिरासत में जान गंवाने वाले लोगों में सबसे ज्यादा 27 की मौत आंध्रप्रदेश में हुई थी। जबकी 10 मौतों के साथ गुजरात तीसरे नंबर पर है। पिछले तीन सालों में न्यायिक हिरासत में कुल 3420 कैदियों ने अपनी जान गंवाई है जिनमें उत्तर प्रदेश की जेलों में सबसे ज्यादा 1140 कैदियों की मौत हुई है। इस दौरान महाराष्ट्र में जेल में बंद 365 कैदियों की मौत हुई है।

नहीं लगे सीसीटीवी

साल 2015 में हिरासत में हो रही मौतों को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस स्टेशनों और पूछताछ कक्ष में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए थे। साथ ही हर पुलिस स्टेशन में दो महिला पुलिसकर्मियों को तैनात करने को कहा गया था जो हिरासत में उत्पीड़न पर नजर रख सकें। लेकिन सरकार ने इसे लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए।

अपराध में सबसे आगे महाराष्ट्र के पुलिसकर्मी

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 में देशभर में कुल 2005 पुलिसवालों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए। इनमें से करीब 23 फीसदी यानी 456 मामले महाराष्ट्र पुलिस में तैनात जवानों के खिलाफ दर्ज हुए हैं। सूची में दूसरे नंबर पर गुजरात है जहां 191 पुलिसवालों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हुए हैं जबकि राजस्थान में 169 पुलिस वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

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