महाराष्ट्र के मंत्री की शिवराज को सीख, कहा- महापुरुषों का नाम लेकर राजनीति करना बंद करें 

महाराष्ट्र के मंत्री की शिवराज को सीख, कहा- महापुरुषों का नाम लेकर राजनीति करना बंद करें 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-02-17 08:24 GMT
महाराष्ट्र के मंत्री की शिवराज को सीख, कहा- महापुरुषों का नाम लेकर राजनीति करना बंद करें 

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। पड़ौसी सावनेर के विधायक और महाराष्ट्र के पशु संवर्धन व युवा मामलों के मंत्री सुनील केदार ने मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान को सीख देने की कोशिश की। श्री केदार ने कहा कि शिवराज सिंह महापुरुषों का नाम लेकर राजनीति करना बंद कर हकीकत के साथ वास्ता रखें और लोक कल्याण की बात करें। सौंसर में शिवाजी प्रतिमा मामले को लेकर श्री केदार ने रविवार को गुरैया ग्राम में कांग्रेस नेता विश्वनाथ ओक्टे के निवास पर पत्रकारों से चर्चा की।
उन्होनें कहा कि हम महाराष्ट्र के लोग छत्रपति शिवाजी महाराज को देवत्व मानते हैं। सौंसर में जो हरकत हुई उसके लिए जो भी जिम्मेदार हैं राज्य के मुख्यमंत्री उन्हें शासन करेंगे। मैं महाराष्ट्र की जनता की ओर से मुख्यमंत्री कमलनाथ का आभार मानता हूं कि उन्होंने भव्य प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया है। न सिर्फ निर्णय लिया बल्कि नगरपालिका से प्रस्ताव भी पारित कराया है। ऐसी ही एक प्रतिमा पांढुर्ना में भी स्थापित करेंगे। श्री केदार ने कहा कि कमलनाथ ऐसे नेता हैं वे जो बोलते हैं वह करते हैं। हम मराठी में इसे बोले तैसा चाले... कहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं शिवराज सिंह से इतना कहना चाहता हूं कि आप बड़े नेता हो बोलते वक्त पलटकर देख लिया करें कि आप करते क्या हो। शिवराज जब मुख्यमंत्री थे जब पांढुर्ना नपा ने प्रतिमा लगाने निर्णय लिया था। जनता सब जानती है। देश के पीएम ने 4 साल पहले महाराष्ट्र में आकर छत्रपति शिवाजी की मूर्ति लगाने की घोषणा की थी शिलान्यास करने का काम भी किया था लेकिन एक भी पत्थर नहीं लगाया। शिवाजी प्रतिमा की हाइट कम कर अपमान किया था। डॉ बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा लगाने शिलान्यास किया था लेकिन प्रतिमा नहीं लगाई। मैं कहना चाहता हूं कि महापुरुषों के नाम का खुद की राजनीति के लिए इस्तेमाल करना भाजपा की ओछी राजनीति है। मीडिया के सवाल पर श्री केदार ने कहा कि शिवाजी महाराज के प्रति जो भी हुआ वह गलत हुआ है। इसकी जांच और एक्शन होगा ऐसा मुझे विश्वास है। महापुरुषों की प्रतिमा बिना अनुमति लगाना भी गलत है।
 

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