मालेगांव बम धमाका : पुरोहित और कुलकर्णी की याचिका खारिज, UAPA को दी थी चुनौती

मालेगांव बम धमाका : पुरोहित और कुलकर्णी की याचिका खारिज, UAPA को दी थी चुनौती

Tejinder Singh
Update: 2017-12-18 15:35 GMT
मालेगांव बम धमाका : पुरोहित और कुलकर्णी की याचिका खारिज, UAPA को दी थी चुनौती

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने सोमवार को साल 2008 में हुए मालेगांव बम धमाके के आरोपी कर्नल प्रसाद पुरोहित व समीर कुलकर्णी की याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में दोनों आरोपियों ने खुद पर अवैध गतिविधि प्रतिबंधक कानून (UAPA) के तहत लगाए गए आरोपों को चुनौती दी थी। जस्टिस नरेश पाटील व जस्टिस नितिन सांब्रे की बेंच ने कहा कि दोनों आरोपियों ने निचली कोर्ट में भी कुछ आवेदन दायर किए है। इसलिए जिस कोर्ट में दोनों आरोपियों के मुकदमे चल रहे वह कोर्ट सही समय पर उनकी आपत्तियों को सुनेगी।

मंजूरी पर आपत्ति
पुरोहित ने अपनी याचिका में इस मामले में UAPA कानून लागू करने के संबंध में साल 2009 में महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से दी गई मंजूरी पर आपत्ति जताई थी। सुनवाई के दौरान पुरोहित की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीकांत शिवदे ने कहा कि सरकार ने UAPA कानून के तहत मंजूरी के लिए जरुरी एथारिटी ही नहीं बनाई है। इसलिए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से दी गई मंजूरी को वैध नहीं माना जा सकता है। इसलिए मेरे मुवक्किल के खिलाफ युएपीए कानून के तहत आरोप तय करने का सवाल ही नहीं पैदा होता है। 

कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (UAPA) की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता संदेश पाटील ने कहा कि इस मुद्दे को आरोपी ने अपनी जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में भी उठाया था। दोनों कोर्ट ने कहा था कि निचली कोर्ट मुकदमे की सुनवाई के दौरान उनकी बातों पर गौर किया जाएगा। इस दौरान बेंच ने पाया कि दोनों आरोपियों ने खुद को इस मामले से बरी किए जाने को लेकर निचली कोर्ट में आवेदन दायर किया है। इस पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस तथ्य को देखते हुए बेंच ने पुरोहित व कुलकर्णी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। गौरतलब है कि मालेगांव बम धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 100 से अधिक  लोग घायल हो गए थे। 

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