भगवा रंग में रंगी मुंबई, अनुशासित रहा मराठा क्रांति 'मूक' मोर्चा

भगवा रंग में रंगी मुंबई, अनुशासित रहा मराठा क्रांति 'मूक' मोर्चा

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-09 18:25 GMT
भगवा रंग में रंगी मुंबई, अनुशासित रहा मराठा क्रांति 'मूक' मोर्चा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठा आरक्षण सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राज्यभर में मोर्चा निकालने के बाद बुधवार को राजधानी मुंबई में मराठा क्रांति मोर्चा निकला। मोर्चे में भारी भीड़ जुटी। भायखला से निकले मोर्चे के आजाद मैदान पहुंचने के बाद मराठा क्रांति मोर्चा की तरफ से प्रतिनिधिमंडल ने विधानभवन पहुंच कर CM देवेंद्र फडणवीस को ज्ञापन सौंपा और अपनी मांगों को लेकर चर्चा की।

प्रतिनिधिमंडल में समाज की पांच लड़कियां शामिल थी। यह सकल मराठा समाज का 58 वां मोर्चा था। सभी दलों के विधायकों ने अपनी पार्टी निष्ठा को किनारे कर मराठा समाज का समर्थन किया। मोर्चे में विभिन्न दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। 

तो दिल्ली तक जाएंगे

मराठा मोर्चा को लेकर महानगर में काफी उत्सुकता देखी गई। हर तरफ मोर्चे की ही चर्चा थी। CST स्टेशन के आसपास का इलाका भगवामय हो गया था। आजाद मैदान पर बनाए गए मंच पर, मराठा समाज की बालिकाओं का कब्जा रहा। मंच से कहा गया कि यदि हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हम अपनी आवाज पहुंचाने दिल्ली तक जाएंगे। 

जय भवानी, जय शिवाजी के नारे से गूंजी

मराठा मूक मोर्चा में नारेबाजी की मनाही थी, इसलिए यहाँ तो कोई नारे नही लगे पर दिनभर मुंबई की लोकल ट्रेनों में जय भवानी जय शिवाजी के नारे गूंजते रहे। वाहनों के पार्किंग स्थल मोर्चा स्थल से दूर बनाये गए थे, इसलिए आज़ाद मैदान पहुँचने के लिए लोगों ने लोकल ट्रेनों की सवारी की। मोर्चे में जुटने वाली भारी भीड़ के मद्देनजर मुम्बईकरों ने बुधवार को सेंट्रल लाइन पर जाने से परहेज किया। मोर्चे के मार्ग में विभिन्न राजनीतिक दलों की तरफ से मराठा मोर्चा के समर्थन में होर्डिंग लगाए गए थे। पर इसे मोर्चे में शामिल लोगों ने हटा दिया, इस बारे में कार्यकर्ताओं का कहना था कि हम इस आंदोलन को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहते। 

शेलार से धक्का-मुक्की 

मोर्चे को समर्थन देने पहुंचे मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार के साथ धक्का-मुक्की की भी खबरें आई। हालांकि शेलार ने ऐसी किसी घटना से इंकार किया। शेलार के सत्ताधारी दल का नेता होने की वजह से कुछ कार्यकर्ताओं ने मराठा आरक्षण पर निर्णय न होने को लेकर नाराजगी जताई। कार्यकर्ताओं का कहना था कि शेलार को यहां आने की बजाय विधानमंडल में मराठा समाज के प्रश्न रखने चाहिए। इस बारे में NCP के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने कहा कि सत्तापक्ष के प्रति सामान्य जनता में कितना गुस्सा है, यह आशीष शेलार के साथ मराठा मोर्चे में हुए व्यवहार से स्पष्ट होता है।

दोनों सदनों में हंगामा 

मुंबई में मराठा समाज की तरफ से निकाले गए मूक मोर्चे की गूंज विधानमंडल के दोनों सदनों में सुनाई दी। बुधवार को विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने नियम 289 के जरिए मराठा आरक्षण का मुद्दा उठाया। मुंडे ने कहा कि गुजरात के पाटीदार और हरियाणा के जाट समाज के आरक्षण की मांग की तरह राज्य सरकार मराठा समाज के आरक्षण की मांग को भी दबाना चाहती है। राज्य सरकार तत्काल आरक्षण की घोषणा करे। हमें चर्चा नहीं चाहिए। इसी बीच विपक्ष के सदस्य वेल में आकर हंगामा करने लगे। इस कारण सदन की कार्यवाही पहले दो बार और बाद में दोपहर तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

टी शर्ट और टोपी पहनकर सदन में आए सदस्य 

विधान परिषद में सदस्य विनायक मेटे, राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्य जयवंतराव जाधव टी शर्ट पहनकर आए थे। टी शर्ट पर मराठा समाज के नारे लिखे हुए थे, जबकि विपक्ष के नेता मुंडे, राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्य विक्रम काले समेत अधिकांश सदस्य टोपी पहनकर सदन में आए थे।

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