वंचित आघाडी के चलते बिगड़ा कांग्रेस-एनसीपी के 32 उम्मीदवारों का गणित

वंचित आघाडी के चलते बिगड़ा कांग्रेस-एनसीपी के 32 उम्मीदवारों का गणित

Tejinder Singh
Update: 2019-10-26 14:00 GMT
वंचित आघाडी के चलते बिगड़ा कांग्रेस-एनसीपी के 32 उम्मीदवारों का गणित

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अकेले चुनाव मैदान में उतरी प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) भले ही एक भी सीट न जीत पाई हो लेकिन राज्य 32 विधानसभा सीटों पर वंचित के उम्मीदवारों के चलते कांग्रेस-राकांपा उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा है। इन सीटों पर युति ने आघाडी के उम्मीदवारों को 5 से 10 हजार वोटों के अंतर से ही हराया और हार जीत का अंतर वंचित को मिले वोटों से कम था। वंचित ने आघाडी को सबसे ज्यादा नुकसान विदर्भ इलाके में पहुंचाया। चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर सहमति न बन पाने के चलते एमआईएम और वीबीए का गठबंधन टूट गया था। इसके अलावा कांग्रेस ने भी वीबीए को साथ मिलकर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था लेकिन वंचित ने इतनी ज्यादा सीटों की मांग कर दी जिसे कांग्रेस पार्टी स्वीकार ही नहीं कर सकती थी। लेकिन नतीजे बताते हैं कि अगर वीबीए कांग्रेस-राकांपा आघाडी का हिस्सा होती तो भाजपा-शिवसेना युति सत्ता से दूर हो सकती थी। नागपुर दक्षिण सीट से कांग्रेस के गिरीश पांडव को 79 हजार 887 वोट मिले जबकि भाजपा के मोहन मते ने 83 हजार 874 वोट हासिल किए। इस सीट से वीबीए के उम्मीदवार रमेश पिसे को पांच हजार 535 वोट मिले।

यवतमाल सीट से भाजपा के मदन येरावर को 79 हजार 913 वोट मिले। इसी सीट से कांग्रेस के अनिल मंगलुरकर को 77 हजार 278 वोट मिले। इस सीट से वीबीए के उम्मीदवार योगश पारवेकर को 7 हजार 812 वोट मिले। अर्णी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के डॉ संदीप धुर्वे को 81 हजार 248 वोट मिले जबकि कांग्रेस के शिवाजीराव मोघे ने 78 हजार 89 वोट हासिल किए। यहां से वीबीए के उम्मीदवार निरंजन मसराम को 12 हजार 253 वोट मिले। बुलढाणा सीट से शिवसेना उम्मीदवार संजय गायकवाड को 67 हजार 38 वोट मिले जबकि कांग्रेस के हर्षवर्धन सपकाल ने 30 हजार 810 वोट हासिल किए। यहां से वीबीए के उम्मीदवार विजय शिंदे को कांग्रेस से ज्यादा यानी 41 हजार 173 वोट मिले। चिखली सीट से भाजपा की श्वेता महाले ने 92 हजार 760 वोट हासिल किए जबकि कांग्रेस के राहुल बोंद्रे को 86 हजार 72 वोट मिले। वीबीए के अशोक सुराडकर ने यहां से 9 हजार 605 वोट हासिल किए। अकोला पश्चिम, अकोला पूर्व, मुर्तिजापुर, वाशिम, धामनगांव रेलवे, बल्लारपुर, चिमूर, रालेगांव, चालीसगांव, खामगांव, किनवट, नांदेड उत्तर, जिंतूर, फुलंब्री, पैठण, अकोट, बालापुर भी उन विधानसभा क्षेत्रों में शामिल हैं जहां कांग्रेस और वंचित के वोट जोड़ दिए जाएं तो वह युति के विजेता उम्मीदवारों के ज्यादा होते। 

वीबीए के चलते 409 मतों से हारे कांग्रेस के नसीम खान

मुंबई की चांदीवली सीट से कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री नसीम खान केवल 409 मतों के अंतर से शिवसेना उम्मीदवार दिलीप लांडे से चुनाव हार गए। इस सीट पर वीबीए उम्मीदवार अब्दुल हसन खान को 8876 वोट मिले। यहां वीबीए उम्मीदवार चार से विधायक खान के राह का रोड़ा बन गया। 
 

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