दवा कंपनियों की घर वापसी में जुटी सरकार, दवा निर्माताओं के साथ हुई एफडीए मंत्री की बैठक

दवा कंपनियों की घर वापसी में जुटी सरकार, दवा निर्माताओं के साथ हुई एफडीए मंत्री की बैठक

Tejinder Singh
Update: 2019-07-31 13:33 GMT
दवा कंपनियों की घर वापसी में जुटी सरकार, दवा निर्माताओं के साथ हुई एफडीए मंत्री की बैठक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। एक समय महाराष्ट्र दवा निर्माता कंपनियों का सबसे पंसदीदा राज्य था लेकिन हाल के वर्षों में बड़े पैमाने पर यहां कि दवा निर्माता कंपनियों ने हिमाचल प्रदेश के बद्दी में अपना ठिकाना बना लिया। अब राज्य के नए एफडीए मंत्री जयकुमार रावल ने इन दवा कंपनियों को फिर से महाराष्ट्र में लाने के लिए कोशिश शुरु की है। इसके लिए रावल ने इंडियन ड्रग मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन (आईडीएमए) के प्रतिनिधियों के साथ मंत्रालय में बैठक की। दवा निर्माता कंपनियों की शिकायते दूर करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने वन विंडो सिस्टम शुरु करने का फैसला किया है। दरअसल कुछ साल पहले महाराष्ट्र फार्मा इंडस्ट्रीज का सबसे बड़ा गढ़ था। राज्य में 3 हजार से अधिक दवा बनाने वाली कंपनियां थी। लेकिन हाल के वर्षों में हिमांचल प्रदेश सरकार द्वारा दवा उद्योग को दी गई कई तरह की रियायतों के चलते यहां की बहुत सी दवा कंपनियां हिमांचल प्रदेश के बद्दी में शिफ्ट हो गई। राज्य के एफडीए मंत्री जय कुमार रावल ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में कहा कि अब हम दवा कंपनियों को फिर से महाराष्ट्र वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं। इसका अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। अब तक हमने औरंगाबाद व ठाणे के अलावा मंत्रालय में दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं और मांग के बारे में जाना है। उन्होंने कहा कि दवा निर्माता कंपनियों की सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण विभाग से जुड़ी हुई है। इस मामले में प्रदूषण विभाग से जरूरी अनुमति दिलाने में एफडीए मदद करेगा। रावल ने कहा कि फिलहाल सस्ती दवाओं के निर्माण के क्षेत्र में चीन का दबदबा है। हम इस तोड़ना चाहते हैं। यूरोपी देशों में भारत में बनी दवाओं की विश्वसनीयता अच्छी है। हाल ही में बोस्निया के राजदूत से भी हमारी चर्चा हुई है। वे दवा निर्माण के क्षेत्र में हमारे साथ सहयोग के लिए तैयार हैं। 

नागपुर-औरंगाबाद में बनेगा फार्मा हब

एफडीए मंत्री रावल ने बताया कि राज्य में दो जगहों औरंगाबाद और नागपुर में दवा निर्माता कंपनियों के लिए फार्मा हब बनाने की योजना है। नागपुर के मिहान में इस दिशा में कार्य भी शुरु हो गया है। यहां आयुर्वेदीक दवाओं के निर्माण पर जोर दिया जाएगा। जबकि मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग पर औरंगाबाद व नाशिक के बीच फार्मा हब बनाने की योजना है। इस फार्मा हब में विश्वस्तरिय लैब बनाया जाएगा। 

वादा पूरा नहीं करती सरकार

दूसरी दवा निर्माताओं का कहना है कि सरकार वादा तो करती है पर उसे पूरा नहीं करती। एक सुप्रसिद्ध दवा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसके पहले राज्य की औद्योगिक नीति तैयार करते समय हमनें संबंधित विभाग के अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी समस्याएं बताई थी लेकिन राज्य सरकार की तरफ से इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। 

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