गजब ढा रहे बांबू से बने गहने, भारत की बांबू लेडी भी है चंद्रपुर की इस महिला की फैन
गजब ढा रहे बांबू से बने गहने, भारत की बांबू लेडी भी है चंद्रपुर की इस महिला की फैन
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। कहते हैं कला किसी की मोहताज नहीं होती। टैलेंटेड व्यक्ति अपनी मेहनत और लगन से लोगों तक पहुंच ही जाता है। चंद्रपुर की एक अल्पशिक्षित गरीब महिला ने अपनी कला का लोहा मनवाया है। बांस से बने गहने और एक से बढ़कर एक प्राडक्ट हर किसी को आकर्षित कर रहे हैं। मीनाक्षी वालके नामक इस महिला की फैन स्वयं देश की बांबू लेडी कही जाने वाली पश्चिम बंगाल की श्रीमती नीरा सरमाह भी है। मीनाक्षी की कला जहां सात समंदर पार पहुंची है, वहीं कैरेबियन कंट्रीज में भी सराहा जा रहा है।
बदलते ट्रेंड के साथ तैयार किया प्रॉडक्ट
दरअसल मीनाक्षी ने इको-फ्रेंडली फैशन और उसके ही बदलते ट्रेंडस को सेट करने की संकल्पना पर काम शुरू किया है। राजमा, करंजी के बीज, सीताफल के बीज, धान, शंख, बांस और नारीयल के कवच से सुंदर सजावटी क्राफ्ट्स व गहने बनाने का काम गजब ढा रहा है। एक छोटे से गांव के किसान परिवार में जन्मी मीनाक्षी के घर टीवी नही है, हाथ मे स्मार्ट फोन नहीं है। फैशन से कोसों दूर रहने वाली महिला की संकल्पना ने कईयों को कायल किया है। अपने आर्ट का फैशन शो करने और झुग्गी की गरीब महिलाओ को रोजगार देने वह कृतसंकल्प है।
नवीनता को प्रोत्साहित करना जरूरी
पे-बैक टू नेचर को लेकर काम करनेवाली मीनाक्षी के बारे में जलवायु परिवर्तन मंत्रालय समिति के स्थानीय सदस्य प्रा. सुरेश चोपणे कहते हैं कि ये समय की मांग है। इस क्षेत्र मे नवीनता को प्रोत्साहित करना होगा। भारत की बांबू लेडी नीरा सरमाह भी अभिभूत है, वे मीनाक्षी से मिलने की इच्छुक हैं। मेसमेरिजिंग बांबू इस विश्व विख्यात ब्रैंड की डॉ. एलिना तालुकदार ने भी मीनाक्षी के प्रयासों की सराहना की है। किर्लोस्कर ग्रुप भी उनके संपर्क में है। केरल के जेनेटिक वन संशोधक संस्थान के डॉ. मुरलीधरन भी उसे सहयोग देना चाहते हैं। दुनिया की मशहूर फेस पेंटर केयमन आइसलँड की शिल्पा तगलपलेवार भी मीनाक्षी द्वारा तैयार प्रॉडक्ट की फैन हुई हैं।