कॉलेजों की रेटिंग तय करने का अधिकार एनसीटीई ने वापस लिया

कॉलेजों की रेटिंग तय करने का अधिकार एनसीटीई ने वापस लिया

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-31 08:17 GMT
कॉलेजों की रेटिंग तय करने का अधिकार एनसीटीई ने वापस लिया

डिजिटल डेस्क जबलपुर। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) द्वारा कॉलेजों को रेटिंग देने के अधिकार क्वॉलिटी कंट्रोल ऑफ इण्डिया (क्यूसीआई) को दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट से वापस ले ली गई है। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विशाल धगट की युगलपीठ को बताया गया कि अधिकार दूसरी संस्था को दिए जाने को चुनौती देने वाली एक याचिका पूर्व में दिल्ली हाईकोर्ट में दायर हुई थी और उसी याचिका के लंबित रहने के दौरान एनसीटीई ने अधिकार ट्रांसफर करने के प्रस्ताव को वापस ले लिया। युगलपीठ ने इस पर याचिका का निराकरण करते हुए याचिकाकर्ता को स्वतंत्रता दी है कि उनके द्वारा जमा की गई फीस वापस लौटाने के लिए वो एनसीटीई को आवेदन दे।   याचिकाकर्ता मुकुन्ददास माहेश्वरी की ओर से वर्ष 2017 में दायर इस याचिका में आरोप था कि देश के सभी बीएड कॉलेजों की रेटिंग तय करने के अधिकार क्यूसीआई को ट्रांसफर करने के प्रस्ताव को चुनौती दी गई थी। मामले पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष स्वयं रखा, जबकि एनसीटीई की ओर से अधिवक्ता केके सिंह और रादुविवि की ओर से अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान एनसीटीई द्वारा प्रस्ताव वापस लेने के मद्देनजर इस याचिका पर आगे सुनवाई से इनकार करके उसका निराकरण कर दिया।
 

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