सात माह से नहीं हैं कैंसर की दवाएं, मरीजों को जबलपुर मेडिकल कॉलेज कर रहे रेफर

सात माह से नहीं हैं कैंसर की दवाएं, मरीजों को जबलपुर मेडिकल कॉलेज कर रहे रेफर

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-31 07:52 GMT
सात माह से नहीं हैं कैंसर की दवाएं, मरीजों को जबलपुर मेडिकल कॉलेज कर रहे रेफर

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल में कैंसर की दवाएं खत्म हो चुकी हैं। कैंसर पीड़ितों को कीमोथैरेपी के लिए जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया जा रहा है। अस्पताल में फरवरी से दवाओं का टोटा बना हुआ है। अभी जिला अस्पताल में हालात यह है कि कैंसर पीड़ितों के इलाज के लिए जरुरी 19 प्रकार की दवाओं में से महज तीन इंजेक्शन बचे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि जिले में 868 कैंसर रोगी है। इनमें से 118 मरीजों को कीमोथैरपी दी जा रही है। जिनमें 62 महिलाएं है जो स्तन कैंसर समेत अन्य प्रकार के कैंसर से पीड़ित है। दवाएं न होने पर अस्पताल में किमोथैरेपी बंद हो चुकी है। मजबूरी में मरीजों को जबलपुर जाना पड़ रहा है।

रिमाइंडर का भी कोई असर नहीं
जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा फरवरी माह से दवाओं की डिमांड के लिए बालाघाट डिपो से पत्राचार किया जा रहा है। पिछले सात माह में कई बार दवाओं के लिए रिमाइंडर किया जा चुका है। इसके बाद भी दवाओं की सप्लाई नहीं की गई। बताया जा रहा है कि बालाघाट डिपो मेें भी दवाओं की कमी होने की वजह से ऐसी स्थिति बन रही है। मजबूरी में मरीजों को जबलपुर जाना पड़ रहा है।

बाजार से लानी पड़ रही दवाएं
जिला अस्पताल में कीमोथैरेपी की दवाएं न होने से मरीजों को बाजार से दवाएं बाजार से खरीदनी पड़ रही है। परिजन बाजार से दवाएं लाकर अपने मरीज की कीमोथैरेपी करवा रहे हैं। दवाएं महंगी होने की वजह से अधिकांश मरीज इसे खरीदने में सक्षम नहीं है। परेशान होकर उन्हें जबलपुर मेडिकल कॉलेज जाना पड़ रहा है। जिले में 868 कैंसर रोगी है।

क्या कहते हैं अधिकारी
बालाघाट डिपो से दवाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इस वजह अस्पताल में दवाओं की कमी बनी हुई है। हमारे द्वारा प्रयास किए जा रहे है कि पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध हो सके।
डॉ. सुशील दुबे, आरएमओ, जिला अस्पताल

 

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