झारखंड माबलिंचिग पर टिकटॉक वीडियो बनानेवाले आरोपियों को जमानत नहीं

झारखंड माबलिंचिग पर टिकटॉक वीडियो बनानेवाले आरोपियों को जमानत नहीं

Tejinder Singh
Update: 2019-07-17 16:09 GMT
झारखंड माबलिंचिग पर टिकटॉक वीडियो बनानेवाले आरोपियों को जमानत नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सत्र न्यायालय ने टिकटॉक एप पर मॉबलिंचिग (भीड की हिंसा) का शिकार हुए झारखंड के तबरेज अंसारी की हत्या का बदला लेने से जुड़ा वीडियो पोस्ट करने के मामले में तीन आरोपी युवकों को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है। न्यायाधीश डीएस देशमुख ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपियों को जमानत देने से इंकार कर दिया। साइबर पुलिस ने इन तीनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आरोपियों द्वारा तैयार किए गए वीडियो के वायरल होने के बाद शिवसेना के एक नेता ने मामले की शिकायत पुलिस से की थी जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज की गई थी। 

इस मामले में गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए आरोपी हसनैन खान,मुद्दसिर शेख और सादान फारुकी ने कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दायर किया था।  पुलिस ने तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) और 34 के तहत एफआईआर दर्ज की है। जबकि अन्य दो लोगों की संदिग्ध भूमिका की जांच कर रही है। आरोपियों ने वीडियो में झारखंड में भीड़ द्वारा तबरेज अंसारी की हत्या का उल्लेख करते हुए कहा था कि मार तो दिया तुमने तबरेज को लेकिन अगर उसका बेटा कल बदला ले तो यह मत कहना कि मुसलमान आतंकवादी है। वीडियो अपलोड होने के बाद वायरल हो गया था। इसके बाद शिवसेना के पदाधिकारी रमेश सोलंकी ने एलटी मार्ग पुलिस में मामले की शिकायत की थी। हांलाकि बाद में युवकों ने माफी मांग कर वीडियो को मिटा दिया था। 

क्या है तबरेज अंसारी मामला

झारखंड के सरायकेला-खरसावा जिले में तबरेज अंसारी पर मोटर साइकल चोरी का आरोप लगाकर भीड़ ने उसे बुरी तरह पीटा था। आरोप है कि मारपीट के दौरान तबरेज से जय श्री राम और जय हनुमान के नारे लगवाए गए। परिवार का आरोप है कि मुसलमान होने के चलते उसके साथ मारपीट की गई। मामले में पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।
 

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