कम हुई निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या, 2014 में 1699 थे, इस बार 1400 हैं 

कम हुई निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या, 2014 में 1699 थे, इस बार 1400 हैं 

Anita Peddulwar
Update: 2019-10-16 07:47 GMT
कम हुई निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या, 2014 में 1699 थे, इस बार 1400 हैं 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में साल 2014 के विधानसभा चुनाव में केवल 7 निर्दलीय प्रत्याशी विधानसभा पहुंच पाए थे, इसके बावजूद मौजूदा विधानसभा चुनाव में 1400 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं। इस चुनाव में कुल 3237 प्रत्याशी मैदान में हैं। यानी 43.24 प्रतिशत उम्मीदवार निर्दलीय के रूप में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।  

साल 1995 में बना था रिकार्ड

प्रदेश की राजनीति में साल 1995 के विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक 45 निर्दलीय विधायक निर्वाचित हुए थे। उस चुनाव में 45 निर्दलीय विधायकों का विधानसभा में पहुंचने का रिकार्ड आज तक कायम है। साल 1995 में निर्दलियों के समर्थन के बल पर ही प्रदेश में पहली बार शिवसेना-भाजपा युति सत्ता तक पहुंच सकी। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने अपने मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री के रूप में कई विधायकों को मौका दिया था। इनमे कांग्रेस से भाजपाई बने हर्षवर्धन पाटील भी शामिल हैं। पाटील जोशी सरकार में राज्य मंत्री बनने के बाद आघाड़ी सरकार में साल 2014 तक लगातार मंत्री रहे।  

नांदेड़ द. सीट पर सबसे ज्यादा निर्दलीय प्रत्याशी

विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक नांदेड़ दक्षिण सीट पर 29 निर्दलीय उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। औरंगाबाद पूर्व सीट पर 24 निर्दलीय उम्मीदवार, जालना सीट पर 22 निर्दलीय उम्मीदवार, बीड़ सीट पर 20 निर्दलीय उम्मीदवार, पुणे कैंटोनमेंट सीट से 17, उल्हासनगर सीट पर 12 निर्दलीय उम्मीदवार, नाशिक पश्चिम सीट से 11 निर्दलीय उम्मीदवार, धामणगांव रेलवे सीट से 11 निर्दलीय उम्मीदवार, नांदेड़ उत्तर सीट पर 11, गोंदिया सीट से 11, बडनेरा सीट से 10 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।  

‘अपने’ उतरे बगावत पर

अपनी मौजूदा पार्टी से टिकट नहीं मिलने के बाद कई नेता बगावत पर उतर आए हैं। नाशिक पूर्व सीट से भाजपा के बागी बालासाहब सानप, कल्याण पश्चिम सीट से भाजपा के बागी नरेंद्र पवार, तुमसर सीट से भाजपा के बागी उम्मीदवार चरण वाघमारे, अर्णी सीट से भाजपा के बागी राजू तोडसाम निर्दलीय चुनाव में उतरे हैं। वहीं, बांद्रा पूर्व सीट से शिवसेना की बागी तृप्ति सावंत, करमाला सीट से शिवसेना के बागी नारायण पाटील सहित कई विधायक निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।

साल 2014 में निर्वाचित हुए थे 7 निर्दलीय, 5 बन गए भाजपाई

साल 2014 के विधानसभा चुनाव में 7 निर्दलीय उम्मीदवार विधायक बने थे। इसमें से 5 निर्दलीय विधायक भाजपा के टिकट पर इस बार चुनाव लड़ रहे हैं। अमलनेर से निर्दलीय विधायक शिरीषदारा चौधरी, पाथरी से निर्दलीय विधायक मोहन फड, कल्याण पूर्व से निर्दलीय विधायक गणपत गायकवाड़, भोसरी से निर्दलीय विधायक महेश लांडगे, अहमदपुर से निर्दलीय विधायक विनायकराव जाधव-पाटील को भाजपा ने उम्मीदवारी दी है, जबकि अमरावती के अचलपुर से निर्दलीय विधायक बच्चू कडू प्रहार जनशक्ति पार्टी से उम्मीदवार हैं। वहीं, बडनेरा से निर्दलीय विधायक रवि राणा फिर से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।  

नाराज होकर बने निर्दलीय

साल 2014 में 4407 उम्मीदवारों में से 1699 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में थे, जबकि इस चुनाव में 3237 प्रत्यशियों में से 1400 उम्मीदवार निर्दलीय हैं। साल 2014 के मुकाबले इस बार निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या कम है, लेकिन भाजपा -शिवसेना की महायुति होने के कारण सीटों के बंटवारे में दोनों दलों के कई विधायकों का टिकट कट गया। इससे नाराज होकर कई वर्तमान विधायक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। साल 2014 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद 7 में से 5 निर्दलीय विधायक सत्ताधारी भाजपा को समर्थन दिया था। इसके बदले में भाजपा ने अब सभी 5 निर्दलियों को विधानसभा का टिकट दिया है। साल 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना और कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था, पर इस बार भाजपा-शिवसेना ने महायुति और कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी महागठबंधन करके चुनाव लड़ रही है।

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