महाराष्ट्र से रेरा का कामकाज सीख रहे दूसरे राज्य, एमपी-यूपी सहित सीजी शामिल

महाराष्ट्र से रेरा का कामकाज सीख रहे दूसरे राज्य, एमपी-यूपी सहित सीजी शामिल

Tejinder Singh
Update: 2018-08-31 13:19 GMT
महाराष्ट्र से रेरा का कामकाज सीख रहे दूसरे राज्य, एमपी-यूपी सहित सीजी शामिल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अपना आशियाना बनाने का ख्वाब देखने वालों को बिल्डरों की धोखाधड़ी से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने रीयल एस्टेट (नियमन एवं विकास) कानून (रेरा) लागू किया है। रेरा लागू करने के अमल के मामले में महाराष्ट्र देश के अन्य राज्यों से आगे हैं। अब तक देश के 6 राज्यों के अधिकारी रेरा कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने का गुर सिखने मुंबई आ चुके हैं। महारेरा के कामकाज से देश के अन्य राज्यों को परिचित कराने के लिए केंद्रीय आवास विकास मंत्रालय जगह-जगह कार्यशाला भी आयोजित कर रहा है। 

केंद्र सरकार के इस कानून को अपने-अपने राज्यों में लागू करने के लिए सभी राज्यों को अपनी नियमावली बनानी थी। इस मामले में महाराष्ट्र का रेरा कानून अन्य राज्यों के मुकाबले अधिक प्रभावी है। यहां बिल्डरों के खिलाफ शिकायत के प्रभावी मॉडल तैयार किया गया है। अब तक उत्तर प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, गोवा व कर्नाटक के रेरा के अधिकारी यहां आकर महारेरा का कामकाज देख चुके हैं। गोवा सरकार ने अपनी रेरा वेबसाईट बनाने कि जिम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार के आईटी विभाग के तहत काम करने वाली महाआनलाईन से सम्पर्क किया है।

महारेरा के सचिव वंसत प्रभू ने दैनिक भास्कर को बताया कि इसी महीने रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी उत्तर प्रदेश (यूपी रेरा) के अध्यक्ष राजीव कुमार सहित यूपी रेरा के सदस्य बलबिंदर सिंह, कल्पना मिश्रा, भानु प्रताप सिंह मुंबई आए थे। दो दिनों तक उन्होंने महा रेरा के कामकाज की जानकारी ली। प्रभू ने बताया कि यूपी रेरा के अधिकारी काफी समय से हमारे फैसलों आदि का अध्ययन कर रहे थे। उन्हें महाराष्ट्र रेरा का नियम-कायदे ज्यादा प्रभावी लगे इस लिए इसकी विस्तृत जानकारी लेने वे मुंबई स्थित हमारे कार्यालय आए थे।  

प्रोजेक्ट पंजीकरण में महाराष्ट्र नंबर
रेरा कानून के तहत बिल्डरों को अपने हाउसिंग प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी सहित इसका रजिस्ट्रेशन रेरा के पास कराना अनिवार्य है। जिससे बिल्डर बाद में ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी न कर सके। प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन के मामले में महाराष्ट्र देश में पहले क्रमांक पर है। फिलहाल महारेरा के पास 17 हजार 717 प्रोजेक्ट पंजीकृत हैं। जबकि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में यह संख्या सिर्फ 3 हजार है।

अन्य राज्यों को सिखाने पुणे में कार्यशाला
महाराष्ट्र रेरा के कामकाज की जानकारी अन्य राज्यों को देने के लिए केंद्रीय आवास मंत्रालय की तरफ से आगामी 10 सितंबर को पुणे में कार्यशाला आयोजित की गई है। इस कार्यशाला का उदघाटन केंद्रीय आवास राज्य मंत्री हरी दीप पुरी करेंगे। इस कार्यशाला में पश्चिम भारत के राज्यों मध्य प्रदेश, गोवा, दमन-दीव व राजस्थान के रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी के अधिकारी हिस्सा लेंगे। 

प्रभावी है महाराष्ट्र का रेरा 
1 मई 2017 से रियल एस्टेट (रेग्युलेशन ऐंड डिवेलपमेंट) ऐक्ट-2016 पूरे देश में लागू किया गया था। इसके लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपनी रेग्युलेटरी अथॉरिटी बनाने का निर्देश दिया गया था। राज्यों ने इस कानून को लागू करने के लिए अपनी परिस्थियों के हिसाब से नियमावली तैयार की है। इस मामले में महाराष्ट्र सरकार का रेरा कानून सबसे कारगार माना जा रहा है।  
 

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