चचेरे भाई की हत्या कर डेढ़ करोड़ का सोना लूटने वाला गिरफ्तार, खाड़ी में फेंके गए शव को तलाश रही पुलिस

चचेरे भाई की हत्या कर डेढ़ करोड़ का सोना लूटने वाला गिरफ्तार, खाड़ी में फेंके गए शव को तलाश रही पुलिस

Tejinder Singh
Update: 2020-09-28 15:46 GMT
चचेरे भाई की हत्या कर डेढ़ करोड़ का सोना लूटने वाला गिरफ्तार, खाड़ी में फेंके गए शव को तलाश रही पुलिस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। संपत्ति के लालच में अपने सौतेले भाई की गोली मारकर हत्या करने वाले शिवसेना नगर सेवक के बेटे को ठाणे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हत्याकांड में आरोपी की मदद करने वाला एक आरोपी पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है। आरोपियों के पास से नगरसेवकर के घर से चोरी किया गया 3 किलो 700 ग्राम सोना भी बरामद किया गया है जिसकी कीमत डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा है। ठाणे के श्रीनगर इलाके से शिवसेना नगरसेवक माणिक पाटील ने तीन शादियां की हैं। राकेश पाटील नाम के जिस व्यक्ति की हत्या हुई है वह माणिक की पहली पत्नी का बेटा है। जबकि गिरफ्तार आरोपी सचिन पाटील माणिक की तीसरी पत्नी का बेटा है। माणिक और उनकी पत्नी कुछ दिनों पहले तबीयत ठीक न होने के चलते अस्पताल में भर्ती थे। इसी दौरान उनका बेटा राकेश लापता हो गया। राकेश की पत्नी ने मामले में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। माणिक अस्पताल से वापस लौटे तो उन्होंने पाया कि घर की तिजोरी में रखा सोना और राकेश की दुपहिया भी गायब है। उन्हें शक हुआ कि राकेश घर में चोरी कर भाग गया है। उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस से की। सीनियर इंस्पेक्टर किशोर खैरनार की अगुआई में कासरवडवली पुलिस ने छानबीन शुरू की तो पता चला कि राकेश की स्कूटी गौरव सिंह नाम का एक शख्स चला रहा है। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने सचिन के साथ मिलकर राकेश की हत्या की बात स्वीकार कर ली।

काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने रविवार देर रात मुख्य आरोपी सचिन को नई मुंबई से गिरफ्तार कर लिया। सचिन ने बताया कि उसने साजिश के तहत घर में किसी और के ना होने पर राकेश के साथ बैठकर शराब पी और इस दौरान नजर बचाकर राकेश की शराब में नींद की गोलियां मिला दीं। इसके बाद उसने देसी पिस्तौल से राकेश के सिर में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी और घर में रखा सोना लूट लिया। इसके बाद उसने राकेश का शव बेडशीट और सोफे के कवर में लपेटकर वाशी की खाड़ी में फेंक दी। पूछताछ में सचिन ने बताया कि परिवार के बंगले में आपसी सहमति से बंटवारे में उसे आधा हिस्सा मिला था। लेकिन उसे डर था कि राकेश नगर सेवक की  पहली पत्नी का बेटा है इसलिए अगर मामला अदालत में गया तो संपत्ति पर हक पहली पत्नी के बेटे को मिल सकता है। इसीलिए उसने राकेश की हत्या की साजिश रची। फिलहाल पुलिस को राकेश का शव नहीं मिला है। गोताखोरों और स्थानीय नागरिकों की मदद से शव की तलाश जारी है।  

 

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