महाराष्ट्र के सिर्फ सात जिलों में ही कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रहेंगे 50 फीसदी बेड

महाराष्ट्र के सिर्फ सात जिलों में ही कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रहेंगे 50 फीसदी बेड

Tejinder Singh
Update: 2021-02-03 15:08 GMT
महाराष्ट्र के सिर्फ सात जिलों में ही कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रहेंगे 50 फीसदी बेड

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि राज्य के सात जिलों में कोरोना के मरीजों के उपचार के लिए निजी अस्पतालों में 50 प्रतिशत बेड आरक्षित रखे जाएंगे। जबकि शेष जिलों के निजी अस्पतालों में बेड के आरक्षण से जुड़ी अधिसूचना को फिलहाल अमल में नहीं लाया जाएगा। लेकिन सरकार ने अब तक निजी अस्पतालों में बेड के आरक्षण से जुड़ी अधिसूचना को वापस नहीं लिया है। इस विषय पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। 

याचिका में दावा किया गया है कि अब मुंबई सहित राज्य के अन्य जिलों कोरोना मरीजों की संख्या घट रही है। इसलिए निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बेड आरक्षित करने से जुड़ी अधिसूचना को खत्म कर दिया जाए और निजी अस्पतालों को अपने हिसाब से (रैक रेट) बिल लेने की छूट दी जाए। राज्य सरकार की अधिसूचना के मुताबिक निजी अस्पतालों को फिलहाल 80 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों के लिए रखने के लिए कहा गया है। 

बुधवार को न्यायमूर्ति एसजे काथावाला की खंडपीठ के सामने इस मामले की चेंबर में सुनवाई हुई। इस दौरान सरकारी अधिकारियों ने खंडपीठ को बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा उठाए गए मुद्दे को लेकर राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बैठक की है। 

इन सात जिलों में 50 फीसदी बेड रहेंगे आरक्षित 

इस बैठक के बाद तय किया गया है कि सात जिलों अहमदनगर,नाशिक,पालघर,रायगढ ठाणे, मुंबई, मुंबई उपनगर के जिलों में स्थित निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 50 प्रतिशत बेड आरक्षित रखे जाएंगे। जबकि शेष जिलों में निजी अस्पतालों में बेड आरक्षण को लेकर जारी की गई अधिसूचना को अमल में नहीं लाया जाएगा। लेकिन सरकार ने इस अधिसूचना को अब तक वापस नहीं लिया है। क्योंकि कोरोना मरीजों की संख्या बढने व स्थिति बिगड़ने पर उसे लागू किया जा सकता है। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई को स्थगित कर दिया। 
 

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