मराठा आरक्षण मसले पर समाज में असंतोष पैदा करना चाहता है विपक्ष -पवार

मराठा आरक्षण मसले पर समाज में असंतोष पैदा करना चाहता है विपक्ष -पवार

Tejinder Singh
Update: 2020-09-11 15:40 GMT
मराठा आरक्षण मसले पर समाज में असंतोष पैदा करना चाहता है विपक्ष -पवार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा सामाजिक और शैक्षणिक रुप से पिछड़ा वर्ग अधिनियम (एसईबीसी) के तहत दिए गए आरक्षण के प्रावधान को बरकरार रखने के मुद्दे पर अध्यादेश (ऑर्डिनेंस) लाने की वकालत की है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मराठा समुदाय को कॉलेज दाखिलों और नौकरियों में आरक्षण पर रोक लगा दी है।

मराठाओं में असंतोष निर्माण करने की कोशिश

मीडिया से यहां मुखातिब होते हुए राकांपा प्रमुख ने कहा कि हमें मराठा आरक्षण मामले में राजनीति नहीं करनी ,बलकि छात्रों को न्याय दिलाना है। प्रदेश के भाजपा नेताओं का नाम लिए बगैर पवार ने आरोप लगाया कि मराठा आरक्षण मसले को लेकर कुछ लोगों को समाज में हलचल पैदा करनी है। उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सरकार की कमी बताने वाले लोग राजनीति कर रहे है। हमें राजनीति करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।

पवार ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को जो उम्मीद थी, उसके अनुरुप कोर्ट का फैसला नहीं आया है। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मराठा संगठनों के नेताओं की बैठक बुलाई है। इसके पीछे का उद्देश यह है कि इस मसले पर सामूहिक रुप से निर्णय लिया जाए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलने के लिए राज्य सरकार द्वारा अध्यादेश निकाला जाना चाहिए, ताकि छात्रों का नुकसान न हो। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आर्थिक आधार पर संवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का मसला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष था। इससे आरक्षण की सीमा 60 फीसदी हो गई है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का महाराष्ट्र को लेकर अलग फैसला चौंका देने वाला है।

मराठा आरक्षण पर रोक का फैसला दुर्भाग्पूर्ण-फडणवीस

राज्य विधानसभा में विपक्ष नेता देवेन्द्र फडणवीस ने मराठा आरक्षण पर लगी रोक को दुर्भाग्यपूर्ण फैसला बताया। उन्होंने यहां महाराष्ट्र सदन में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर कोर्ट के समक्ष ठीक से दलीलें पेश नहीं कर सकी। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकतर मराठा संगठनों का यहीं कहना था कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण के मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रही है। मुझे भी इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं करनी है।


 

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