औरंगाबाद : वक्फ बोर्ड की जमीन खाली कराने का आदेश, लीज एग्रीमेंट अवैध

औरंगाबाद : वक्फ बोर्ड की जमीन खाली कराने का आदेश, लीज एग्रीमेंट अवैध

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-25 14:56 GMT
औरंगाबाद : वक्फ बोर्ड की जमीन खाली कराने का आदेश, लीज एग्रीमेंट अवैध

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद/मुंबई। अक्सर विवादों में रहने वाले वक्फ बोर्ड के अधिकारी नियमों की परवाह नहीं करते। जिस जगह को खाली कराने के लिए वक्फ कोर्ट में लड़ाई लड़ रहा था, उस जमीन को उसी को लीज पर दे दिया गया। अब महाराष्ट्र अल्पसंख्यक विभाग ने औरंगाबाद स्थित वक्फ की इस जमीन को खाली कराने के लिए शासनादेश जारी किया है।

जानकारी के अनुसार औरंगाबाद के पनचक्की इलाके में स्थित दरगाह दाऊद औलिया महरिबी की 4418.31 वर्गमीटर जमीन नियमों को ताक पर रखकर वर्ष 2005 में तत्कालीन CEO ने दिलीप चित्तलांगे और कुलभूषण अग्रवाल को लीज पर दे दिया था। यह लीज वक्फ बोर्ड के नियमों के खिलाफ हुआ था, इसलिए वक्फ ट्रिब्यूनल ने इस करार को रद्द करने का आदेश दिया। बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट के औरंगाबाद बेंच ने भी ट्रिब्यूनल के फैसले को सही ठहराया। मामले में हाईकोर्ट ने संबंधित लोगों के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की। चितलांगे और अग्रवाल ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। अक्टूबर 2016 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले ही कोर्ट के बाहर आपसी सहमति से मामले को सुलझाने का दावा कर मुकदमा वापस ले लिया गया।

अल्पसंख्यक विभाग के प्रधान सचिव श्याम तागडे ने कहा, "महाराष्ट्र सरकार ने वक्फ एक्ट के तहत आदेश दिया है कि वक्फ बोर्ड की इस जमीन से अधिक्रमण हटाकर उसे कब्जे में लिया जाए। इस मामले में हुए लीज एग्रीमेंट को भी रद्द करने को कहा गया है।"

तत्कालीन CEO को कारण बताओ नोटिस

महाराष्ट्र अल्पसंख्यक विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दैनिक भास्कर को बताया कि अवैध रूप से जमीन पर कब्जा जमाए व्यक्ति को ही जमीन लीज पर नहीं दी जा सकती। इस मामले में तत्कालीन CEO नसीमा बानो पटेल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। फिलहाल पटेल निलंबित हैं। अब अल्पसंख्यक विभाग ने इस जमीन को खाली करा अपने कब्जे में लेने के लिए बीते 11 अगस्त को आदेश जारी किया है।

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