भुजबल का खत और पेड़े का डिब्बा लेकर उद्धव से मिले पंकज 

भुजबल का खत और पेड़े का डिब्बा लेकर उद्धव से मिले पंकज 

Tejinder Singh
Update: 2018-05-09 14:42 GMT
भुजबल का खत और पेड़े का डिब्बा लेकर उद्धव से मिले पंकज 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जमानत पर छूटे राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल के बेटे विधायक पंकज भुजबल ने शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। पंकज पिता छगन भुजबल के आदेश पर मातोश्री में उद्धव से मिले। पंकज ने उद्धव को भुजबल द्वारा लिखा हुआ पत्र और पेड़े का डिब्बा सौंपा। सूत्रों के अनुसार उद्धव ने पंकज से छगन भुजबल की तबीयत का ख्याल रखने को कहा है।  

शिवसेना में रहते तो यह हालत नहीं होती: राऊत 
इस मुलाकात पर पार्टी सांसद संजय राऊत ने कहा कि कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में केवल आठ दिन में अदालत से जमानत मिल जाती है। लेकिन छगन को दो सालों तक जेल में रहना पड़ता है। आखिर इसका क्या कारण है। राऊत ने कहा कि छगन यदि शिवसेना में बने रहते तो उनकी आज यह हालत नहीं होती। राऊत ने कहा कि शिवसेना हमेशा पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ खड़ी रहती है। उन्होंने कहा कि हम भुजबल के प्रति सहानभूति नहीं दिखा रहे हैं। हमने केवल पार्टी के मुखपत्र सामना के जरिए सही तथ्यों को सभी के सामने रखा है।  

संपादकीय के जरिए भुजबल पर टिप्पणी 
शिवसेना ने 8 मई को पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ की संपादकीय के जरिए भुजबल पर टिप्पणी की थी। जिसमें भुजबल को लेकर पार्टी की सहानभूति भी नजर आई। सूत्रों के अनुसार मुंबई के केईएम अस्पताल में इलाज करा रहे भुजबल ने सामना की संपादकीय पढ़ने के बाद एक पत्र लिखा था। इसी पत्र को पंकज ने उद्धव तक पहुंचाया है। इस बीच संभावना जताई जा रही है कि छगन अस्पताल से निकलने के बाद छगन 13 मई को एक सभा को संबोधित कर सकते हैं। यह सभा नाशिक या फिर मुंबई में होगी। छगन 4,5,9 अंक को शुभ मानते हैं। समर्थकों का कहना है कि शायद इसीलिए सभा के लिए भी 13 तारीख चुनी गई है। छगन को अदालत से जमानत भी 4 मई को मिली थी।  

संपादकीय में क्या लिखा था 
शिवसेना के मुखपत्र में छपे संपादकीय में कहा गया था कि भुजबल ने शिवसेना के साथ गलत बर्ताव किया। दिल्ली में महाराष्ट्र सदन बनाने में मनी लॉन्ड्रिंग नहीं होने का सत्य केवल ‘सामना’ ने ही प्रकाशित किया था। हम व्यक्तिगत शत्रुता नहीं रखते। भुजबल जमानत पर छूटे हैं, उनके परिवार को इसकी खुशी होगी। 

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