जांच के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे परमबीर, बोले - मुझे परेशान करने की हो रही कोशिश 

जांच के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे परमबीर, बोले - मुझे परेशान करने की हो रही कोशिश 

Tejinder Singh
Update: 2021-04-29 15:29 GMT
जांच के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे परमबीर, बोले - मुझे परेशान करने की हो रही कोशिश 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राज्य सरकार की ओर से प्रारंभिक जांच को लेकर जारी दो आदेशों को चुनौती दी है। याचिका में श्री सिंह ने कहा है कि उन्होंने राज्य के पूर्व गृहमंत्री व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अनिल देशमुख के भ्रष्टाचार को उजागर किया है। इसलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है व प्रताड़ित किया जा रहा है। चूंकि पहले उनकी याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया था। इसलिए अब राज्य सरकार जांच के नाम पर उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है।

अनिल देशमुख के खिलाफ पत्र वापस लेने का दबाव

याचिका में सिंह ने दावा किया है कि19 अप्रैल 2021 को राज्य के पुलिस महानिदेशक संजय पांडे के साथ हुई बैठक में उन्हें देशमुख के खिलाफ राज्य सरकार को लिखे गए पत्र को वापस लेने को कहा गया था। गुरुवार को न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति मनीष पीटाले कि खंडपीठ के सामने याचिका का उल्लेख किया गया। इसके बाद खंडपीठ ने राज्य सरकार को सिंह की याचिका पर जवाब देने को कहा और मामले की सुनवाई 4 मई 2021 तक के लिए स्थगित कर दी। 

सुनवाई के दौरान सिंह की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि याचिका में राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए दो आदेशों को चुनौती दी गई है। पहला आदेश एक अप्रैल 2021 को जबकि दूसरा आदेश 20 अप्रैल 2021 को जारी किया गया है। जिसके तहत राज्य के पुलिस महानिदेशक संजय पांडे को सिंह के खिलाफ प्रारंभिक जांच करने को कहा गया है। पहला आदेश तत्कालिन गृहमंत्री अनिल देशमुख ने जारी किया था। जबकि दूसरा आदेश मौजूदा गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने जारी किया है।

डीजीपी पांडे ने कहा इस तरह सिस्टम से नहीं लड़ सकते

इस दौरान उन्होंने अपने मुवक्किल की पुलिस महानिदेशक पांडे के साथ हुई मुलाकात का जिक्र किया। जिसमें पांडे ने कहा था कि आप (सिंह) इस तरह से व्यवस्था से नहीं लड़ सकते हैं। राज्य सरकार उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करने के बारे में विचार कर रही है। इस लिहाज से देखा जाए तो राज्य सरकार की ओर से जांच को लेकर जारी किया गया आदेश अवैध व मनमानी पूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार को जवाब देने के लिए वक़्त दिया जाए। लेकिन तब तक जांच पर रोक लगाई जाए। 

इस पर खंडपीठ ने कहा कि क्या सिंह को कोई कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जवाब में श्री रोहतगी ने कहा नहीं। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने कहा यदि नोटिस जारी नहीं हुआ है तो याचिका पर तत्काल सुनवाई व अंतरिम आदेश जारी करने की जरूरत क्या है? क्या यह जांच सेवा से जुड़े नियमों के उल्लंघन के लिए है। यह सवाल करते हुए खंडपीठ ने कहा कि सरकार को पहले इस याचिका पर जवाब देने दिया जाए।

नागपुर खंडपीठ के सामने रखा अकोला में हुई एफआईआर का मामला 

उन्होंने कहा कि मेरे मुवक्किल के खिलाफ अकोला में एफआईआर दर्ज की गई है। हम इसे भी चुनौती दे रहे हैं। इस पर खंडपीठ ने कहा कि अकोला के मामले को नागपुर खंडपीठ के सामने चुनौती दी जाए। सिंह का पिछले माह मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से तबादला होमगार्ड के महानिदेशक पद पर किया गया था। 

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