पाटील बोले - मानसून सत्र में मुश्किल है विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव

पाटील बोले - मानसून सत्र में मुश्किल है विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव

Tejinder Singh
Update: 2021-06-30 16:26 GMT
पाटील बोले - मानसून सत्र में मुश्किल है विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में विपक्षी दल भाजपा मानसून अधिवेशन में विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव निर्विरोध होने देने के लिए तैयार नहीं दिखाई दे रही है। यदि महाविकास आघाड़ी सरकार विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव कराने का फैसला करती है, तो भाजपा नियमों का हवाला देते हुए अड़ंगा डाल सकती है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने इसके संकेत दिए हैं। बुधवार को विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के सरकारी आवास पर मानसून सत्र के लिए रणनीति तय करने को लेकर बैठक हुई। जिसके बाद पत्रकारों से बातचीत में पाटील ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि मानसून अधिवेशन में विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव हो पाएगा। क्योंकि चुनाव से 48 घंटे पहले नोटिस देना पड़ता है। राज्यपाल को चुनाव कराने के बारे में अवगत करना पड़ता है। लेकिन सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर चुनाव कराया, तो भाजपा अपनी रणनीति के तहत जवाब देगी। 

पाटील ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव निर्विरोध कराने के लिए सरकार विधानसभा उपाध्यक्ष पद विपक्ष को देती है लेकिन सरकार ने विधानसभा उपाध्यक्ष पद सहयोगी दल राकांपा को दिया है। ऐसे में जरूरी नहीं है कि भाजपा विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव निर्विरोध कराने में मदद करे। पाटील ने कहा कि राज्यपाल ने भाजपा की मांग के बाद ही विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव कराने के लिए सरकार को पत्र लिखा है। मानसून अधिवेशन में विधायकों को अनिवार्य रूप से सदन में मौजूद रहने के लिए कांग्रेस और शिवसेना की ओर से व्हीप जारी करने के सवाल पर पाटील ने कहा कि सत्ताधारी दलों को डर है। इसलिए दोनों दलों ने व्हीप जारी किया है। भाजपा में अपने विधायकों को लेकर डर नहीं है। भाजपा के सभी विधायक सदन में आएंगे। इसलिए भाजपा ने व्हीप जारी नहीं किया है। 

5 जुलाई को भाजपा का धरना-प्रदर्शन

भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता हर जिले में मानसून अधिवेशन की कम अवधि को लेकर 5 जुलाई को धरना प्रदर्शन करके जिलाधिकारी को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और राष्ट्रपति रामनाथ कोंविद के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। पाटील ने कहा कि अधिवेशन में विधायकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का चर्चा के लिए नहीं आना समझ सकते हैं। लेकिन सरकार प्रश्नों के लिखित उत्तर देने के लिए भी तैयार नहीं है। राज्य सरकार ने लोकतंत्र के सभी अधिकार जब्त कर लिए हैं।  

मुझे मालूम है कि सीबीआई जांच कैसे करवानी है- पाटील 

पाटील ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार और राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब की सीबीआई जांच को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र पर कांग्रेस की ओर से टिप्पणी किए जाने पर पलटवार किया है। पाटील ने कहा कि मुझे मालूम है कि एक पत्र लिखने से सीबीआई जांच नहीं होती है, लेकिन मुझे यह भी अच्छी तरह से पता है कि सीबीआई जांच कैसे होती है। जो देशमुख का हुआ वही अजित और परब का होगा। 
 

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