विष्णुपुरी वन खदान भी होगी बंद, पेंच प्रबंधन ने पूरी कर ली तैयारियां
विष्णुपुरी वन खदान भी होगी बंद, पेंच प्रबंधन ने पूरी कर ली तैयारियां
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा/परासिया । पेंच की गनपति माईन और कन्हान की भवानी माईन बंद करने के बाद वेकोलि ने पेंंच क्षेत्र की विष्णुपुरी वन खदान भी बंद करने की तारीख तय कर दी है। सूत्रों की मांने तो आगामी 1 नवंबर से विष्णुपुरी वन खदान में ताला लग जाएगा और प्रोडक्शन बंद कर दिया जाएगा। श्रमिक संगठनों के भारी विरोध के बाद भी पेंच व कन्हान क्षेत्र की एक-एक भूमिगत खदान बंद की जा रही है। दो खदानें बंद होने के बाद अब तक उन खदानों में काम करने वाले मजदूरों को पूरी तरह से शिफ्ट नही किया गया है। और अब वेकोलि प्रबंधन ने विष्णुपुरी वन खदान बंद करने का निर्णय ले लिया है। 1 नवंबर से इस खदान में भी प्रोडक्शन बंद कर आगामी कार्यवाही शूरू कर दी जाएगी। हालांकी श्रमिक संगठनों को भी अब तक इस खदान के बंद होने के सबंध में जानकारी नही दी गई है। फिर पेंच प्रबंधन खदान बंद करने की योजना पूरी कर चुका है। पेंच-कन्हान की यह तीसरी भूमिगत खदान है जिसे बंद किया जा रहा है इस खदान में 330 मजदूर और 6 अधिकारी कार्यरत हैं। जिन पर आगामी 1 नवंबर से तबादले की तलवार लटक जाएगी।
25 साल पुरानी है विष्णूपुरी वन खदान
पेंच क्षेत्र की विष्णूपुरी वन खदान सन् 1992 में शूरू की गई थी। यह भूमिगत खदान अपने शुभारंभ से भी एक साल पहले शूरू कर दी गई। लगभग एक साल जब सभी प्रक्रियांए पूरी हुई तब तात्कालि केंद्रीय मंत्री व जिले के सांसद कमलनाथ ने 1993 में इस खदान का विधिवत शुभारंभ किया। पिछले 25 सालों से खदान में लगातार उत्पादन जारी है और पिछले लगभग पांच साल से यह खदान घाटे में चल रही है।
330 कामगारों पर लटकी तबादले की तलवार
विष्णुपुरी वन खदान में वर्तमान में 336 का मेन पॉवर काम कर रहा है जिसमें से 330 मजदूर वर्ग है और 6 अधिकारी पदस्थ हैं। इस खदान के बंद होने के बाद इन सभी कामगारों पर तबादले का संकट छा जाएगा। अब तक वेकोलि पेंच क्षेत्र की गणपति माईन बंद होने के बाद वहां के सभी मजदूरों को शिफ्ट नही कर पाई है। गणपति माईन के 258 कामगारों में से केवल 82 कामगारों को अब तक महादेवपुरी खदान शिफ्ट किया गया है। अब 330 कामगार विष्णूपुरी के भी कतार में आ गए हैं।
225 टन प्रतिदिन पर अटका उत्पादन
पिछले कई सालों से घाटे में चल रही विष्णूपुरी वन खदान में प्रॉडक्सन 225 टन प्रतिदिन पर अटक कर रह गया है। इस खदान को बंद करने की घोषणा के बाद उत्पादन में और गिरावट दर्ज की गई है।
इनका कहना है
--अब तक इस बात की कोई सूचना पेंच प्रबंधन ने हमें नहीं दी है कि 1 नवंबर से विष्णूपुरी खदान में उत्पादन बंद कर दिया जाएगा, लेकिन खदान पहले से बंद करने के लिए प्रस्तावित है हम इस बात का पुरजोर विरोध करेंगे।
सोहन वाल्मिक, अध्यक्ष इंटक रीजनल
--वेकोलि अपनी प्रस्तावित सभी खदानों को लगातार बंद करता जा रहा है बीएमएस इस बात को लेकर लगातार आंदोलन कर रही है हमारा विरोध भी इन्ही सब बातों को लेकर है खदान बंद होने का विरोध करेंगे।
संजय सिंह, अध्यक्ष बीएमएस रीजनल
--खदाने बंद होने के निर्णय और बैच बोर्ड के फैसले को लेकर हम आंदोलन कर रहे हैं विष्णूपुरी खदान बंद करने का भी विरोध किया जाएगा, एचएमएस प्रबंधन से अपना यह निर्णय वापस लेने आंदोलन करेगी।
राजेश सूर्यवंशी, अध्यक्ष एचएमएस पेंच
क्या कहते हैं महाप्रबंधक --
--खदान बंद करने की प्लाङ्क्षानग की जा रही है यह खदान भी बंद करने के लिए पहले से प्रस्तावित है इस खदान के मेन पॉवर को आगामी निर्देशानुसार दूसरी खदानों में शिफ्ट किया जाएगा।
सोहासचंद्र पांडया, महाप्रबंधक पेंच क्षेत्र