नियुक्ति के समय अधिक उम्र के आधार पर पेंशन से नहीं किया जा सकता वंचित-हाईकोर्ट

नियुक्ति के समय अधिक उम्र के आधार पर पेंशन से नहीं किया जा सकता वंचित-हाईकोर्ट

Tejinder Singh
Update: 2019-05-14 13:39 GMT
नियुक्ति के समय अधिक उम्र के आधार पर पेंशन से नहीं किया जा सकता वंचित-हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नियुक्ति के समय कैंडिडेट (अभ्यार्थी) पद के लिए निर्धारित उम्र से अधिक (ओवर ऐज) था इस आधार पर उसे सेवानिवृत्त के बाद पेंशन से वंचित नहीं किया जा सकता है। बांबे हाईकोर्ट ने सावित्री बाई फुले पुणे विश्वविद्यालय की सेवानिवृत्त कर्मचारी नीलिमा भागवत की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है। साल 2014 में 35 साल की सेवा के बाद जब भागवत अपने पद से सेवानिवृत्त हुई तो उन्हें विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के माध्यम से पेंशन के लिए आवेदन किया। लेकिन भागवत के आवेदन पर विचार नहीं किया गया। इसलिए उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका के जवाब में कार्यकारी शिक्षा निदेशक (उच्च शिक्षा) ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर साफ किया कि जब भागवत की नियुक्ति की गई थी तो उनकी उम्र पद के लिए निर्धारित आयु से अधिक थी। इसलिए उनके पेंशन से जुड़े आवेदन पर विचार नहीं किया गया है। 

न्यायमूर्ति भूषण गवई व न्यायमूर्ति एसके शिंदे की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका के तथ्यों पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने अपने कई फैसलों में साफ किया है नियुक्ति के समय कैडिडेट ओवर ऐज था। इस तरह की आपत्ति उठाने की इजाजत सेवानिवृत्त के पडाव पर उठाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। इसलिए कर्मचारी को इस आधार पर पेंशन से वंचित नहीं किया जा सकता है क्योंकि नियुक्ति के समय वह ओवर ऐज था। यह फैसला सुनाते हुए खंडपीठ ने भागवत की याचिका को मंजूर करते हुए राज्य के उच्चा शिक्षा विभाग व शिक्षा निदेशक को याचिकाकर्ता के पेंशन से जुड़े प्रस्ताव को 6 सप्ताह के भीतर मंजूर करने का निर्देश दिया। इसके अलावा याचिकाकर्ता की जो भी बकाया राशि है उसका 6 महीने के भीतर भुगतान किया जाए। 
 

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