कम रेट पर कोरोना टीका बेचने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इंकार

कम रेट पर कोरोना टीका बेचने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इंकार

Tejinder Singh
Update: 2021-04-29 13:07 GMT
कम रेट पर कोरोना टीका बेचने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इंकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को उस जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया है जिसमें सिरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसएसआई) व भारत बॉयोटेक को कोरोना का एक टीका जीएसटी के साथ 150 रूपए में उपलब्ध करने व टीके की दर में समरूपता लाने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था। पेशे से वकील फैजान खान व कानून के तीन विद्यार्थियों ने यह याचिका दायर की थी। याचिका में मुख्य रूप से कोरोना के टीके की दर में भिन्नता को चुनौती दी गई थी। 

गुरुवार को अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने याचिका का उल्लेख कर तत्काल सुनवाई के लिए आग्रह किया। इस पर खंडपीठ ने कहा कि यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की जानी चाहिए। क्योंकि सुप्रीम ने कहा है कि देशव्यापी प्रभाव रखने वाले कोरोना से जुड़े मुद्दों की वह सुनवाई करेगा। जहां तक बात कोरोना के टीके की दर का विषय है तो यह देशव्यापी मुद्दा है। क्योंकि इसका असर पूरे देश पर पड़ेगा। इसलिए हम इस याचिका पर सुनवाई नहीं करेंगे। खंडपीठ की बातों से सहमत अधिवक्ता शुक्ला ने अपनी याचिका को वापस ले लिया। 

याचिका के अनुसार एसआईआई केंद्र सरकार को जीएसटी के साथ 150 रुपए जबकि राज्य सरकार को 400 रुपए जबकि निजी अस्पतालों को 600 रुपए कोरोना का टीका उपलब्ध कराएगी। इसी तरह भारत बॉयोटेक ने राज्य सरकार के लिए कोरोना के टीके की रकम 600 रुपए औऱ निजी अस्पतालों के लिए 12 सौ रुपए  की दर तय की है। याचिका में कहा गया है कि फॉर्मा कंपनियों को कोरोना के टीके की रकम तय करने का अधिकार देना तर्क व न्याय संगत नहीं है। क्योंकि कोरोना का टीका आवश्यक वस्तु बन गया है। गौरतलब है कि इस बीच सिरम इंस्टीच्यूट ने अपने टीके की दर 400 से घटा कर 300 करने का एलान किया है। 
 
 
 

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