बेटी की शादी के लिए बैंक से पैसे निकलने की याचिका, पीएमसी के 3 खाताधारक पहुंचे कोर्ट 

बेटी की शादी के लिए बैंक से पैसे निकलने की याचिका, पीएमसी के 3 खाताधारक पहुंचे कोर्ट 

Tejinder Singh
Update: 2019-10-22 14:47 GMT
बेटी की शादी के लिए बैंक से पैसे निकलने की याचिका, पीएमसी के 3 खाताधारक पहुंचे कोर्ट 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पंजाब महाराष्ट्र को-आपरेटिव बैंक घोटाले के चलते बैंक से पैसे निकालने पर लगाई गई पाबंदी के खिलाफ बांबे हाईकोर्ट में तीन लोगों ने याचिका दायर की है। एक याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि उनकी बेटी का विवाह तय हुआ है। दिसंबर 2019 में होने वाली उनकी बेटी की शादी के लिए उन्हें 50 लाख रुपए की जरुरत है। यदि विवाह के लिए इतनी रकम का इंतजाम नहीं हो पाया तो विवाह टूट सकता है। यदि विवाह टूटता है तो इससे परिवार को गहरा आघात लगेगा। 

याचिका में हरेश रायशिंघानी व उनकी बेटी ने दावा किया है कि पीएमसी बैंक के खाते में उतनी रकम है जितने की उनको जरुरत है। खाते में पैसे की कमी नहीं है। वहीं तीसरे याचिकाकर्ता भगवान मोटवानी ने दावा किया है कि उन्हें अपने बेटे की पढाई के लिए 16 लाख 50 हजार रुपए की जरुरत है। उनका बेटा सिविल एविएशन क्षेत्र में नौकरी के लिए कोर्स कर रहा है। इस कोर्स की कुछ फीस जमा कर दी गई है और कुछ जमा करना बाकी है, लेकिन अब रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा पैसे निकालने पर लगाई गई बंदिश के चलते वे अपनी जरुरत की राशि बैंक से नहीं निकाल पा रहे हैं।

यदि उन्होंने पैसे नहीं जमा किए तो उनके बेटे का भविष्य प्रभावित हो सकता है। इसलिए आरबीआई की ओर से पैसे निकालने के संबंध में जारी किए गए निर्देश को रद्द किया जाए। क्योंकि आरबीआई ने एक खाते से एक बार में 40 हजार से अधिक रकम निकालने पर रोक लगाई है। अधिवक्ता एस बी तलेकर के माध्यम से दायर की गई इस याचिका का मंगलवार को न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति गौतम पटेल की खंडपीठ के सामने याचिका का उल्लेख किया गया। खंडपीठ ने 4 नवंबर को याचिका पर सुनवाई रखी है। 

पीएमसी घोटाले के आरोपियों हिरासत बढ़ी 

मुंबई की विशेष अदालत ने पीएमसी बैंक घोटाले के मामले में आरोपी एचडीआईएल के निदेशक राकेश वाधवान व सारंग को 24 अक्टूबर तक के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया है। ईडी इस मामले में मनीलांडरिंग के पहलू की जांच कर रही है। मंगलवार को ईडी ने न्यायाधीश के सामने दावा किया कि मामले की जांच के लिए वाधवान की और हिरासत की जरुरत है। इसके बाद न्यायाधीश ने वाधवान की हिरासत को दो दिन के लिए बढा दिया। पहले दोनों को 22 अक्टूबर तक के लिए ईडी कि हिरासत में भेजा गया था। 
 

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