प्रोफेशनल कोर्स की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं रद्द करने के लिए पीएम दें निर्देश - सीएम उद्धव 

प्रोफेशनल कोर्स की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं रद्द करने के लिए पीएम दें निर्देश - सीएम उद्धव 

Tejinder Singh
Update: 2020-06-26 14:26 GMT
प्रोफेशनल कोर्स की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं रद्द करने के लिए पीएम दें निर्देश - सीएम उद्धव 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रोफेशनल कोर्स अंतिम वर्ष के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाओं को रद्द करने के लिए संबंधित राष्ट्रीय संस्थाओं को निर्देश देने की मांग की है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस संबंध में पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सरकार ने नॉन- प्रोफेशनल कोर्स (अव्यावसायिक) की अंतिम वर्ष के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया है। इसी के तर्ज पर राष्ट्रीय संस्था के प्रोफेशनल कोर्स के अंतिम सेमेस्टर के परीक्षाएं रद्द करने के लिए राष्ट्रीय संस्था व विश्वविद्यालयों को निर्देश दें। मुख्यमंत्री ने पत्र में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईटीसीई), वास्तुकला परिषद (सीओए), भारतीय औषधि परिषद (पीसीआई), भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीआई), राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई), राष्ट्रीय होटल प्रबंधन एवं खानपान प्रौद्योगिकी परिषद (एनसीएचएमसीटी) जैसी राष्ट्रीय संस्था का उल्लेख किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री से राज्य सरकार के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं नहीं लेने के फैसले को राष्ट्रीय संस्थाओं को मान्यता देने के लिए निर्देश देने को कहा है। साथ ही सभी विश्वविद्यालयों को इस संबंध में दिशानिर्देश जारी करने को कहा है। 

मुख्मयंत्री ने कहा कि राज्य के मुंबई, नागपुर, पुणे, औरंगाबाद, अकोला जैसे बड़े शहरों में कोरोना के विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस स्थिति में विद्यार्थियों की परीक्षाएं लेने पर प्रशासन पर दबाव बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री के साथ 16 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक का जिक्र किया है। जिसमें मुख्यमंत्री ने अंतिम वर्ष की परीक्षाएं रद्द करने की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोरोना की स्थिति के मद्देनजर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की 18 जून की बैठक हुई। इसमें प्रोफेशनल कोर्स और नॉन- प्रोफेशनल कोर्स की अंतिम वर्ष की परीक्षा नहीं लेने का फैसला लिया गया है। विश्वविद्यालयों की ओर से जो फार्मूला तय किया जाएगा। उसके आधार पर विद्यार्थियों को डिग्री दी जाएगी। इसके अलावा जो विद्यार्थी परीक्षा देना चाहते हैं उनके लिए परीक्षा देने का विकल्प खुला है। 
 

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