श्वानों के लिए डाले जहर ने ली उस बाघिन और शावकों की जान, 12 तक  किसान को फॉरेस्ट कस्टडी 

श्वानों के लिए डाले जहर ने ली उस बाघिन और शावकों की जान, 12 तक  किसान को फॉरेस्ट कस्टडी 

Anita Peddulwar
Update: 2019-07-10 07:49 GMT
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डिजिटल डेस्क,चंद्रपुर। चिमूर वनपरिक्षेत्र के उपवनक्षेत्र शंकरपुर अंतर्गत आने वाले नवतला खापरी बिट में मेटेपार गांव के समीप नाले के पास एक खेत में बाघिन के साथ दो शावकों की मौत के मामले में अजीबोगरीब कारण सामने आया है। वन विभाग की ओर से की जा रही जांच में एक किसान को हिरासत में लिया गया है। जिसे 12  जुलाई तक फारेस्ट कस्टडी में भेज दिया गया है।बताया जा रहा है कि मेटेपार से एक संदिग्ध को  पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। जिसके बाद उसने श्वानों को मारने के लिये गाय के मृत बछड़े पर जहरीली दवा छिड़कने का बयान दिया है। इस आधार पर वनविभाग ने उसे गिरफ्तार कर चिमूर न्यायालय में पेश किया। आरोपी का नाम पांडुरंग तानबा चौधरी है । उसे 12  जुलाई तक एफसीआर में रखा गया है।
 
जानकारी के अनुसार आरोपी पांडुरंग तानबा चौधरी के गाय के बछड़े को गांव के ही कुछ श्वानों ने  खेत में मार दिया था। जिससे पांडुरंग  चौधरी काफी गुस्से में था।  श्वानों को सबक सिखाने के लिए  मृत  बछड़े को अपने खेत से पांच सौ मीटर दूर नाले के पास के खेत में आम के पेड़ नीचे जहरीली दवा  डालकर रख छोड़ा था। श्वान बछड़े को खाएंगे व मारे जाएंगे ऐसा उसका विचार था परंतु श्वानों की जगह बाघिन दो शावकों के साथ वहां पहुंच गयी।  ताजा शिकार देखकर उसने मृत बछड़े को नाले की झाड़ी से खींचकर ले गई और खा लिया। मामले में पहले कुछ लोगों न बताया था कि चीतल का शिकार करने के बाद बाघिन और उसके शावकों की मौत हुई है लेकिन किसान द्वारा हकीकत सामने आने के बाद पता चला कि मृत बछड़े का भोजन करने  के कुछ समय उपरांत ही बाघिन और उसके शावकों की मौत हो गयी। चार दिन बाद सोमवार को जामुन के पेड़ का सौदा करने आये लोगों ने बाघ को देखा और तब जाकर घटना उजागर हुई। आगे की जांच वनविभाग कर रहा है। 

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