जहरीले सांपों का कहर, 3 लोगों की मौत

जहरीले सांपों का कहर, 3 लोगों की मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-21 08:23 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, सतना। बारिश के मौसम की शुुरुआत के साथ ही जहरीले सांपों का कहर बढ़ गया है। सिंहपुर थाना अंतर्गत सांप काटने से महिला की मौत हो गई। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक लल्ली विश्वकर्मा पति 46 वर्ष निवासी सिंहपुर 19 जून को घर में रखे गोबर के कंडे निकालने गई थी तभी सांप काट लिया। परिजन आनन-फानन लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नागौद पहुंचे। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। अस्पताल ले जाने से पहले परिजन से झाड़-फूक भी करवाई। गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद लाश परिजन को सौंप दी गई। इसके अलावा पिछले सप्ताह दो लोगों की मौत हो चुकी है।

सीएचसी में इंजेक्शन उपलब्ध

ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश के केस सामने आने के साथ ही स्वास्थ्य महकमा हरकत में आ गया है। बताया गया है कि सांप काटने के बाद लोगों को नजदीकी सरकारी अस्पतालों में एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन बिना किसी विलंब के मिल जाए इसको लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में इन्जेक्शन की उपलब्धता कराई जा रही हैं। इसके अलावा ब्लॉक मेडिकल अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जैसे ही दवा स्टोर में 5 से कम इन्जेक्शन बचें तत्काल जानकारी जिला मुख्यालय को दें ताकि  समय रहते डोज मुहैया कराया जाए। 
 

इन ब्लॉकों में अधिक उपयोग

एंटी स्नेक वेनम इजेक्शन की अधिकांश खपम मुख्य रूप से देवराजनगर, मैहर, मझगवां, उचेहरा के साथ परसमनियां में होती है। यहां हर वर्ष सर्पदंश के अधिक केस सामने आते हैं। इन ब्लॉकों में इंजेक्शन की उपलब्धता पर विशेष जोर दिया जाता है। हालांकि ब्लॉकों में मरीजों को एक-दो डोज लगाकर जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। यही जवह है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में मुकाबले जिला अस्पताल में इंजेक्शन की खपत दोगुना से अधिक है।

15 मिनट में एंटी डोज अनिवार्य

डॉक्टर बताते हैं कि सांपों की किस्म अलग-अलग होती है। अगर अधिक जहरीला सांप लोगों को डसता है तो अधिकतम 15 से 20 मिनट के अंदर एंटी डोज का लगाया जाना अनिवार्य होता है तभी जान बचाई जा सकती है। 30 मिनट से अधिक समय बीतने पर बचने की उम्मीर 15 से 20 प्रतिशत ही रह जाती है। अगर सांप कम जहरीला हुआ और समय से अस्पताल पहुंच में थोड़ा विलंब भी होता है तो उसकी जान बच जाती है। आमतौर पर जहरीले सांप काटने के बाद लोगों को अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो जाती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि जून से अक्टूबर माह के बीच सर्पदंश के सर्वाधिक मामले सामने आते हैं। जानकार बताते हैं कि जून माह के पहले भीषण गर्मी से बचने के लिए सांप जमीन में गहरे बिलों छिप जाते हैं। बारिश के मौसम में जैसे ही तापमान में गिरावट आती है, सांप बाहर निकलते हैं और लोगों को निशाना बनाते हैं। सर्वाधिक मामले ग्रामीण क्षेत्र में ही सामने आते हैं। खासतौर पर जंगली और पहाड़ी इलाकों में लोग दहशत में रहते हैं। जिला अस्पताल के साथ जिले की सभी छोटी-बड़ी अस्पताल के आंकड़ों के आधार पर इन दिनों सर्पदंश के एक-दो मामले सामने आ आने लगे हैं। 

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