चोरी के गहने खरीदने वाला सराफा व्यवसायी गिरफ्तार
चोरी के गहने खरीदने वाला सराफा व्यवसायी गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, मुंबई । चोरी के गहने खरीदना एक सराफा व्यवसायी को मंहगा पड़ गया। चोर के पकड़े जाने के बाद उसकी निशानदेही पर ठाणे जिले की भिवंडी पुलिस ने सराफा व्यवसायी के साथ उसके यहां काम करने वाले एक कर्मचारी को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का दावा है कि सराफा व्यवसायी ने गहने चोरी के होने की जानकारी होने के बावजूद इसकी खरीदारी की थी। आरोपी की दुकान से पुलिस ने चोरी हुए 2 लाख 62 हजार हजार रुपए के गहने बरामद कर लिए हैं। भिवंडी के कामतघर इलाके में रहने वाली शीतल पवार के घर सात सितंबर की रात चोरी हो गई थी। चोर घर से गहने, नगदी, मोबाइल समेत 2 लाख 77 हजार रुपए का सामान चुरा ले गया था। मामले की शिकायत भिवंडी के नारपोली पुुलिस स्टेशन में की गई। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस जल्द ही अनिकेत कदम नाम के आरोपी तक पहुंच गई और उसे दबोच लिया। कदम ने पुलिस को बताया कि उसने चोरी किए गए गहने बसंतीलाल कोठारी नाम के सराफा व्यवसायी को चोरी के गहने बेंच दिए। पुलिस की छानबीन में पता चला कि कोठारी ने फायदे की लालच में चोरी किए गए गहने खरीदे थे और इसमें दुकान में काम करने वाला देवीलाल नाई नाम का कर्मचारी भी शामिल था। पुलिस इस बात की छानबीन कर रही है कि क्या आरोपी ने इससे पहले भी चोरी के गहने खरीदें हैं।
विधायक के सामने ही टोल कर्मचारियों ने कर दी ड्राईवर की पिटाई
इससे पहले बुधवार रात कांग्रेस विधायक की कार को टोल भरे बिना आगे जाने की इजाजत न देने और ड्राइवर से बदलसूकी के आरोप में टोल प्लाजा के छह कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। घटना ठाणे जिले में स्थित पडघा टोल नाके पर रात साढ़े 10 बजे के करीब हुई जब कांग्रेस विधायक हीरामन खोसकर मुंबई से नाशिक वापस लौट रहे थे। खोसकर नाशिक की इगतपुरी सीट से विधायक हैं। विधायक के ड्राइवर ने मामले की शिकायत पडघा पुलिस से की जिसके बाद टोल प्लाजा पर तैनात छह कर्मचारियों के खिलाफ गैरकानूनी रूप से जमा होने और चोट पहुंचाने के आरोप में आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है। शिकायत के मुताबिक कार टोल प्लाजा पर पहुंची को कर्मचारियों ने उसे रोक दिया। ड्राइवर ने उन्हें बताया कि गाड़ी में विधायक बैठे हैं। विधानसभा सदस्यों की गाड़ी पर लगने वाला स्टीकर भी लगा था। लेकिन टोल प्लाजा पर तैनात कर्मचारियों ने पहचान पत्र की मांग की और उसे दिखाने से पहले ही ड्राइवर को गाली देते हुए पीटना शुरू कर दिया। आरोप है कि कर्मचारियों ने कहा कि हम विधायक, सांसद को नहीं जानते गाड़ी आगे ले जानी है तो टोल देना पड़ेगा। काफी विवाद के बाद आखिरकार गाड़ी आगे ले जाने की इजाजत दी गई। खोसकर ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि अगर हमारे साथ टोल कर्मचारी ऐसा व्यवहार कर रहे हैं तो आम लोगों के साथ कैसा सलूक करते होंगे।