विदेशी ड्रग तस्करों से निपटने मकोका का सहारा ले रही पुलिस, लगातार अपराध कर रहे नाइजीरियाई  

विदेशी ड्रग तस्करों से निपटने मकोका का सहारा ले रही पुलिस, लगातार अपराध कर रहे नाइजीरियाई  

Tejinder Singh
Update: 2019-04-12 14:57 GMT
विदेशी ड्रग तस्करों से निपटने मकोका का सहारा ले रही पुलिस, लगातार अपराध कर रहे नाइजीरियाई  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। दक्षिण मुंबई में अफ्रीकी मूल के नशे के सौदागरों पर शिकंजा कसने के लिए अब पुलिस ने बार-बार पकड़े जाने वाले आरोपियों के खिलाफ संगठित अपराध विरोधी कानून मकोका के तहत एफआईआर दर्ज करना शुरू कर दिया है। दरअसल फरवरी महीने में पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि उन पर पहले भी इसी तरह के दो मामलों में आरोपपत्र दायर किए जा चुके हैं। इसके बाद आला अधिकारियों से इजाजत के बाद आरोपियों के खिलाफ मकोका के तहत मामला दर्ज कर उन्हें शुक्रवार को मकोका कोर्ट में पेश किया गया जहां से आरोपियों को 22 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।

दरअसल डोंगरी और आसपास के इलाकों में पिछले कई सालों से नाइजीरियाई ड्रग तस्करों का जाल फैला हुआ है। इस पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने कॉलेज छात्रों और आम लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया। डोंगरी और जेजे मार्ग पुलिस ने साल 2018 में नशीले पदार्थों के 628 मामलों में कार्रवाई की। इसके बावजूद नशीले पदार्थों पर लगाम लगाने में पुलिस को अपेक्षित कामयाबी नहीं मिल रही थी क्योंकि सैंडहर्स्ट रोड रेलवे यार्ड, वाडीबंदर पुल के नीचे की रेल पटरियां नाइजीरियन नशे के सौदागरों ने अड्डा बना रखा है। वहां कार्रवाई के लिए जाने वाली पुलिस की टीम पर भी आरोपी हमला करने से नहीं चूकते। पुलिस ने कई बार आरोपियों के खिलाफ जान जोखिम में डालकर कार्रवाई की लेकिन एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज होने के बाद आरोपियों को जल्द ही जमानत मिल जाती थी और वे फिर नशे के कारोबार में लिप्त हो जाते थे। 

डोंगरी विभाग के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) अविनाश धर्माधिकारी ने बताया कि इसी साल 23 फरवरी को कार्रवाई के दौरान विदेशी मूल के तीन आरोपियों को पकड़ा गया था। इनके नाम ओकपाला बेनेडिक्ट, तुर्रे मूसा और रेमंड अनिट्व हैं। बेनेडिक्ट नाइजीरिया, मूसा कोस्टारिका जबकि अनिट्व घाना का मूल निवासी है। इनके पास से पुलिस ने 5 लाख 19 हजार रुपए कीमत का मेफेड्रान बरामद किया था। कुछ दिनों बाद कार्रवाई के दौरान फरार हुए नाइजीरियाई मूल के इके चिकवेनी इमैनुअल नाम के आरोपी को भी गिरफ्तार कर गया। उसके पास से भी करीब सवा दो लाख रुपए का नशीला पदार्थ जब्त किया गया था।

धर्माधिकारी के मुताबिक जांच में पता चला कि इमैनुअल नशे के कारोबार के लिए संगठित गिरोह चला रहा है। उसके खिलाफ 2014 और 2015 में दो आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है। इसके बाद पुलिस ने इमैनुअल और उसके साथियों के खिलाफ संगठित अपराध विरोधी कानून 23(1), (ए), 3(1), 3(2), 3(4) के तहत एफआईआर दर्ज कर लिया। बता दें कि मकोका के तहत एफआईआर दर्ज होने पर आरोपियों को आसानी से जमानत नहीं मिलता और आरोपपत्र दाखिल करने के लिए पुलिस को छह महीने का समय मिलता है। 

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