गरीबों के साथ धोखाधड़ी, मिल रहा है घटिया चावल

गरीबों के साथ धोखाधड़ी, मिल रहा है घटिया चावल

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-18 11:35 GMT
गरीबों के साथ धोखाधड़ी, मिल रहा है घटिया चावल

 डिजिटल डेस्क, छिन्दवाड़ा/पांढुर्ना। राशन दुकानों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत राशन दुकानों में गरीब परिवारों को घटिया चावल बांटा जा रहा है। उचित मूल्य की राशन दुकानों में BPL हितग्राहियों को मिलने वाले गेहूं और चावल की गुणवत्ता सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है। इन दिनों राशन दुकानों में जो चावल बांटा जा रहा है, वह गुणवत्ताहीन है। चावल के नाम पर राशन दुकानों में हितग्राहियों को चूरी चावल मिल रहा है। जानकारों के अनुसार राशन दुकानों में वितरित होने वाले चावल में 25 प्रतिशत तक चूरी यानि ब्रोकन चावल चलता है, जबकि इन दिनों BPL हितग्राहियों को 50 प्रतिशत से अधिक चूरी वाले चावल प्रदान किए जा रहे है। जब अधिकारियों ने इसकी सुध ली तो वेयरहाउस में घटिया चावल की पूरी खेप मिली। SDM दीपक कुमार वैद्य ने इस घटिया चावल के राशन दुकानों पर वितरण पर तत्काल रोक लगा दी।

चावल ऐसे की मवेशी भी ना खाए
हितग्राहियों का कहना है कि राशन दुकानों से मिल रहा अनाज इतना घटिया गुणवत्ता का है, कि मवेशी भी यह ना खाए। चावल में चूरी मिली है और कचरा, कंकड़ व भूसी की मात्रा अधिक है। गेहूं भी खराब और चमकहीन है। हितग्राहियों की शिकायत पर जब राशन दुकानों की सुध ली गई तो अनाज की गुणवत्ता की कलई खुली।

वेयरहाउस प्रबंधन को कोई लेना-देना नहीं
अनाज की गुणवत्ता के संबंध में हितग्राहियों ने बताया कि चावल में आधे से ज्यादा कनकी है, पर क्या करें मजबूरी है, वरना इतना घटिया चावल नहीं खरीदते। इस संबंध में मध्यप्रदेश वेयरहाउस कॉर्पोरेशन के शाखा प्रबंधक आरके सराठे का कहना है कि राशन दुकानों में वितरित होने वाला अनाज छिंदवाड़ा से आता है, पांढुर्ना के वेयरहाउस में भंडारण होता है, हम केवल भंडारण पर ध्यान देते है और किराया लेते है। किस गुणवत्ता का अनाज आ रहा है, इस संबंध में हमें कोई जानकारी नहीं रहती।

किसानों से खरीद रहे गुणवत्ता वाला अनाज
नागरिक आपूर्ति निगमम, समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदे जाने वाले बेहतर क्वालिटी और गुणवत्ता के अनाज का राशन दुकानों में वितरण करने का दावा करता है। पर इन दिनों राशन दुकानों में बंट रहे अनाज की गुणवत्ता देख आपूर्ति निगम के दावे खोखले नजर आते है। यदि ऐसा अनाज किसान खरीदी केन्द्रों पर बेचने लाएं तो खरीदीकर्ता अधिकारी सैंपल देखकर ही किसानों को लौटा दें, पर किसानों से खरीद जाने वाले अनाज को बांटे जाने के नाम पर ही राशन दुकानों में हितग्राहियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत अनाज दिया जा रहा है, जो सरकार की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है।

इनका कहना है
नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से राशन दुकानों में अनाज वितरण की व्यवस्था है। नियमानुसार अच्छी क्वालिटी और गुणवत्ता वाले अनाज वितरण होना चाहिए। वेयरहाउस में निरीक्षण के दौरान चावल का लॉट गुणवत्ताहीन पाया गया। जिसके वितरण पर रोक लगा दी गई है। साथ ही गुणवत्ताहीन चावल का सैंपल लेकर प्रतिवेदन तैयार कर जिला कलेक्टर को जांच के लिए भेजा गया है।
दीपक कुमार वैद्य, SDM, पांढुर्ना।

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