तीसरी लहर की तैयारी - विक्टोरिया, मेडिकल के साथ तीन प्रमुख अस्पतालों में बच्चों के लिए तैयार हो रहे विशेष वार्ड
तीसरी लहर की तैयारी - विक्टोरिया, मेडिकल के साथ तीन प्रमुख अस्पतालों में बच्चों के लिए तैयार हो रहे विशेष वार्ड
बढ़ाई जा रही क्षमता अब एल्गिन में भी बन रहा पीआईसीयू
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना की संभावित तीसरी लहर का प्रभाव बच्चों में पडऩे की संभावना को लेकर स्वास्थ्य अमला जुट गया है। पहली और दूसरी लहर में जिस तरह पहले बुजुर्ग और फिर प्रौढ़ों को प्रभावित किया, उसकी तुलना में बच्चे उतने प्रभावित नहीं हुए। जिले में अब तक 50 हजार से ज्यादा व्यक्ति कोरोना की चपेट में आए हैं, इसमें बच्चों पर संक्रमण का प्रभाव लगभग 5 प्रतिशत के आसपास रहा है। तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए जिले के तीन प्रमुख शासकीय अस्पतालों में संक्रमित बच्चों को भर्ती करने अलग-अलग स्तर पर तैयारियाँ चल रहीं हैं। पहले से उपलब्ध संसाधनों को दुरुस्त किया जा रहा है, वहीं नए वार्ड बनाए जा रहे हैं। क्षमता बढ़ाने के साथ बच्चों के लिए जरूरी जीवन रक्षक उपकरणों की जरूरत को देखते हुए माँग ऊपरी स्तर पर भेज दी गई है। जिला अस्पताल में जहाँ बच्चा वार्ड में हाई डिपेंडेंसी यूनिट तैयार की जा रही है, वहीं मेडिकल कॉलेज में भी 158 ऑक्सीजन बेड बच्चों के लिए तैयार हो रहे हैं। इसके अलावा एल्गिन हॉस्पिटल में 15 बेड की पीआईसीयू (पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट) एक माह के अंदर बनकर पूरा हो जाएगा।
* गुरुवार को कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया और तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने बच्चों के लिये 15 बिस्तर के आईसीयू बेड बनाने की तैयारियों को देखा। उन्होंने एसएनसीयू वार्ड को भी देखा और कहा अभी उपलब्ध संसाधनों से बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करें। इस मौके पर रीजनल डायरेक्टर हैल्थ डॉ. संजय मिश्रा, सीएमएचओ डॉ. रत्नेश कुररिया सहित अन्य चिकित्सक भी उपस्थित थे।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल
* मेडिकल कॉलेज में शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अव्यक्त अग्रवाल कहते हैं कि मेडिकल कॉलेज में भी तैयारी की जा रही है। बच्चों के लिए डेडिकेटेड कोविड वार्ड तैयार किए जा रहे हैं। ये ऑक्सीजन बेड्स और ऑक्सीजन सेक्शन जैसी सुविधा से युक्त होंगे। इसके अलावा वेंटिलेटर जैसे उपकरणों के लिए प्रशासन को माँग भेज दी गई है।
6मेडिकल कॉलेज में बच्चों के लिए 158 बिस्तरों की क्षमता के कोविड वार्ड तैयार हो रहे हैं। इसमें स्पाइनल इंजुरी सेंटर में लभभग 70 बिस्तर होंगे। वहीं बच्चा वार्ड को जरूरत पर पूरी तरह कोविड वार्ड में बदल दिया जाएगा।
विक्टोरिया हॉस्पिटल
* डॉ. अरोरा ने बताया कि आवश्यकता पडऩे पर वार्ड नंबर 1 को पीआईसीयू में बदल दिया जाएगा। यहाँ 20 पलंग तैयार किए जाएँगे। इसके साथ ही जिला अस्पताल में पहले से मौजूद पीडियाट्रिक आईसीयू वार्ड की क्षमता भी बढ़ाई जा सकती है। फिलहाल यहाँ 10 बिस्तर हैं।
* जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. सीबी अरोरा ने बताया कि बच्चों में अब तक गंभीर संक्रमण नहीं देखा गया है, जिला अस्पताल में बेहद कम मामलों में कोरोना संक्रमित बच्चे एडमिट हुए हैं। फिर कथित तीसरी लहर को देखते हुए हाई डिपेंडेंसी यूनिट के अंतर्गत ऑक्सीजन के 20 पलंग तैयार कर लिए गए हैं, वहीं 15 ऑक्सीजन बेड एनआरसी में बनाए जा रहे हैं तथा ऑक्सीजन की पाइप लाइन लगाई जा रही है।