सरकारी ऑफिसों के साथ निजी संस्थानों और कारखानों के समय में बदलाव की तैयारी

सरकारी ऑफिसों के साथ निजी संस्थानों और कारखानों के समय में बदलाव की तैयारी

Tejinder Singh
Update: 2021-02-21 13:49 GMT
सरकारी ऑफिसों के साथ निजी संस्थानों और कारखानों के समय में बदलाव की तैयारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य की परिवहन व्यवस्था पर पड़ने वाले बोझ को देखते हुए भीड़ कम करने के लिए राज्य सरकार जल्द ही ऑफिसों, निजी संस्थानों और कारखानों के समय में बदलाव की रूपरेखा तैयार कर रही है। इस बाबत बातचीत अंतिम चरण में है और मजदूर संगठनों की सहमति के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस पर अंतिम मुहर लगा सकते हैं। दूसरे राज्यों के मुकाबले महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण हुआ है। इसके चलते सरकारी कर्मचारियों के साथ निजी संस्थानों में भी कर्मचारियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। सार्वजनिक परिवहन में होने वाली भीड़ और भगदड़ को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री  देवेंद्र फडणवीस ने सरकारी कार्यालयों के समय में बदलाव किया था। इसके तहत कुछ सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों और अधिकारियों को देर से आने और देर से जाने की इजाजत दी गई थी। फडणवीस का यह प्रयोग सफल साबित हुआ था। इसे देखते हुए मौजूदा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए निजी संस्थानों में कामकाज के समय बदलाव की इच्छा जाहिर की। कोरोना संक्रमण के दौरान लगे लॉकडाउन और पाबंदियों से भी यह साफ हो गया कि अगर सरकार विभिन्न संस्थानों के कामकाज के समय में बदलाव कर दे तो पीक आवर में लोकल ट्रेनों, बसों में होने वाली भीड़भाड़ कम की जा सकती है। इसके आधार पर अधिकारियों को आगे की रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए गए।

राज्य के मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि संस्थानों के कामकाज में बदलाव के लिहाज से चल रही बातचीत अंतिम चरण में है। उन्होंने बताया कि संस्थाओं के कामकाज का समय अलग-अलग हो सकता है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समय और इसके लागू होने से जुड़ा ऐलान करेंगे। राज्य में फिलहाल 17 लाख सरकारी कर्मचारी हैं जिनमें से 8 लाख मुंबई महानगर विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) भेत्र में कार्यरत हैं। जबकि निजी संस्थानों में इसके तीन गुना सरकारी कर्मचारी कार्यरत हैं। कुछ ऑफिस और कारखानों को छोड़ दें तो बाकी सभी कर्मचारी लगभग एक ही समय काम पर जाने के लिए निकलते हैं। ऐसे में खासकर मुंबई में लोकल और बस जैसे सार्वजनिक परिवहन के साथ सड़क पर भी निजी वाहनों की भारी भीड़ हो जाती है। महाराष्ट्र राजपत्रित अधिकारी महासंघ के सलाहकार जीडी कुलथे ने समय में बदलाव की इस पहल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि निजी और सरकारी ऑफिस खुलने समय में 2 घंटे का अंतर रखा जाना चाहिए। कारखानों भी सुबह जल्दी शुरू कर मजदूरों को शाम को जल्दी छोड़ दिया जाना चाहिए। इससे भीड़भाड़ कम करने में काफी मदद मिल सकती है

 

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