धनुष तोप को अपग्रेड करने की तैयारी, डायरेक्टर जनरल ने देखीं जीसीएफ की व्यवस्थाएं

धनुष तोप को अपग्रेड करने की तैयारी, डायरेक्टर जनरल ने देखीं जीसीएफ की व्यवस्थाएं

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-13 07:04 GMT
धनुष तोप को अपग्रेड करने की तैयारी, डायरेक्टर जनरल ने देखीं जीसीएफ की व्यवस्थाएं

  डिजिटल डेस्क जबलपुर। जीसीएफ के डायरेक्टर जनरल डिफेंस एग्जीबिशन अपूर्व चंद्रा ने धनुष तोप को अपग्रेड करने के प्रोजेक्ट की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने टैंक गन शॉप में उपलब्ध सुविधाओं का भी निरीक्षण किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि हर हाल में उत्पादन की लागत कम की जानी चाहिए, ताकि वैश्विक बाजार में आयुध निर्माणियों का उत्पादन बिक सके। यही नहीं उन्होंने जीसीएफ में अन्य उत्पादनों जैसे एंटी एयर क्राफ्ट के आधुनिकीकरण के काम के बारे में भी जानकारियां हासिल कीं। उन्होंने धनुष तोप के उत्पादन की पूरी प्रक्रिया भी देखी तथा उसमें होने वाले सुधार के बारे में भी पूछा। श्री चंद्रा के साथ आयुध बोर्ड के सदस्य हरिमोहन भी साथ में थे। सूत्रों का कहना है कि सेना धनुष तोप को बेहतर मानती है और उसके बड़े पैमाने पर निर्माण की व्यवस्थाओं को परखना चाहती है। विदेशी तोपों के मुकाबले धनुष तोप काफी प्रभावी साबित हुई है। इस मौके पर जीएम एसके सिंह ने जीसीएफ द्वारा बनाए जाने वाले उत्पादनों की जानकारियां दीं तथा धनुष तोप को अपग्रेड करने की तैयारियों के बारे में बताया। वर्तमान में 155 एमएम की धनुष तोप जो कि 145 कैलीबर की है, उसे अपग्रेड कर 152 कैलीबर की बनाने का प्रस्ताव है। इस तोप का भविष्य में प्रोटो टाइप भी तैयार किया जाएगा। श्री चंद्रा ने व्हीकल फैक्टरी द्वारा अपग्रेड की गई माइन प्रोटेक्टिव व्हीकल को भी देखा। यह एमपीवी को व्हीएफजे से विशेष रूप से जीसीएफ में मंगाकर दिखाया गया है। ऐसे 306 माइन प्रोटेक्टिव व्हीकल का निर्माण किया जा रहा है। नये अपग्रेड एमपीवी को सिक्स बाय सिक्स सिस्टम के तहत बनाया जा रहा है। श्री चंद्रा सुबह साढ़े 9 बजे से साढ़े 12.30 बजे तक जीसीएफ में रहे और उन्होंने सभी निर्माण प्रक्रियाओं को बारीकी से देखा।
बमों का निर्माण भी देखा 7 डायरेक्टर जनरल अपूर्व चंद्रा ने आयुध निर्माणी खमरिया का भी दौरा कर, वहां पर बमों के निर्माण की प्रक्रियाएं देखीं। उन्होंने टैंक भेदी बमों के निर्माण के साथ नये प्रोजेक्ट भी देखे। इस दौरान जीएम एके अग्रवाल भी साथ में थे। श्री चंद्रा ने बम फिलिंग सेक्शन का दौरा किया तथा उत्पादन के बारे में जानकारियां हासिल कीं।

 

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