जेलों में क्षमता से ज्यादा हैं महिला कैदी, अब ओपन जेल बनाने की सिफारिश 

जेलों में क्षमता से ज्यादा हैं महिला कैदी, अब ओपन जेल बनाने की सिफारिश 

Tejinder Singh
Update: 2017-11-21 13:59 GMT
जेलों में क्षमता से ज्यादा हैं महिला कैदी, अब ओपन जेल बनाने की सिफारिश 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र की 18 जेलों में क्षमता से ज्यादा महिला कैदियों को रखा जा रहा है। औरंगाबाद मध्यवर्ती कारागृह के महिला विभाग में अधिकृत क्षमता 31 हैं, लेकिन प्रत्यक्ष रूप से यहां 89 कैदियों को रखा गया है। जबकि नाशिक रोड मध्यवर्ती कारागृह में 60 की बजाय 124 महिला कैदी रहने को मजबूर हैं। 25 महिला कैदियों की क्षमता वाले ठाणे मध्यवर्ती कारागृह में 101 कैदी हैं। राज्य महिला आयोग ने पूर्व जज आनंद निरगुडे की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने जेल में विचाराधीन महिला कैदियों की संख्या को कम करने के लिए खुली जेल संबंधित नियमों में बदलाव करने का सुझाव दिया है। SIT ने कहा कि विचाराधीन महिला कैदियों को खुली जेल के लिए पात्र होने के लिए पांच साल की सजा की शर्त को लचीला कर तीन साल किया जाना चाहिए। इसके साथ ही महिला कैदियों के लिए नए ओपन जेल बनाने की सिफारिश की गई है। 

महिला कैदी की हत्या के बाद गठित SIT

मुंबई के भायखला जेल में कैदी मंजुला शेट्ये कि हत्या के बाद राज्य महिला आयोग ने जेल में बंद महिला कैदियों की स्थिति और सुधार की सिफारिश के लिए एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी की रिपोर्ट को राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस को सौंप दिया है। मुख्यमंत्री ने रहाटकर को भरोसा दिया है कि एसआईटी के सुझावों पर सरकार जल्द ही सकारात्मक फैसला लेगी। 

चंद्रपुर में 11 की जगह में 23 कैदी 

चंद्रपुर जिला कारागृह में महिला कैदियों को रखने की क्षमता 11 है, लेकिन फिलहाल 23 महिला कैदी सजा काट रही हैं। भंडारा जिला कारागृह में 5 की बजाय 15 महिला कैदियों को रखा गया है। यवतमाल जिला कारागृह में 5 की जगह 11, वर्धा जिला कारागृह में 9 की बजाय 12, जलगांव जिला कारागृह में 14 की बजाय 29 महिला कैदियों को रखा गया है। 

स्मोकिंग जोन बनाने का सुझाव 

एसआईटी ने सिगरेट और बीड़ी पीने वाली महिला कैदियों के लिए जेल परिसर में अलग से स्मोकिंग जोन बनाने का सुझाव दिया है। एसआईटी ने कहा है कि जेल में महिला कैदियों को माचिस के अलावा कोई भी ज्वलनशील वस्तुएं उपलब्ध न कराई जाए। 


SIT की सिफारिशें 


-    महिला कैदियों को कौशल्य विकास का प्रशिक्षण 
-    जेल के महिला विभाग में लगें सीसीटीवी कैमरे
-    सैनिटरी नैपकिन के लिए वेंडिंग मशीन की व्यवस्था 
-    कैदियों का मिले आधार और आईडी कार्ड 
-    महिला कैदियों को उनके वकील और रिश्तेदारों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुलाकात कराई जाए 
-    टेली मेडिसिन की सुविधा मिले 
 

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