खडसे बोले - अजित के खिलाफ दिए थे बैलगाड़ी भर सबूत, नहीं मिलाना था हाथ

खडसे बोले - अजित के खिलाफ दिए थे बैलगाड़ी भर सबूत, नहीं मिलाना था हाथ

Tejinder Singh
Update: 2019-11-27 14:22 GMT
खडसे बोले - अजित के खिलाफ दिए थे बैलगाड़ी भर सबूत, नहीं मिलाना था हाथ

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आनन-फानन में राज्य में भाजपा की सरकार बनाने के लिए भाजपा विधायक दल नेता देवेंद्र फडणवीस के राकांपा नेता अजित पवार से साथ हाथ मिलाने के फैसले पर सवाल उठने लगे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे ने कहा कि हमने अजित के खिलाफ सिंचाई घोटाले का आरोप लगाया था। सिंचाई घोटाले के मामले की जांच चल रही है। ऐसे में भाजपा को अजित का समर्थन नहीं लेना चाहिए था। बुधवार को विधानभवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में खडसे ने कहा कि भाजपा का नारा पार्टी ‘विथ डिफरन्स है।’ भाजपा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ती रही है। इसलिए अजित का समर्थन लेने से भाजपा की छवि को थोड़ा धक्का लगा है। खडसे ने कहा कि फडणवीस का अजित के साथ जाने का फैसला गलत था या सही। वह सभी के सामने आ गया है। खडसे ने कहा कि मैं अजित को धोखेबाज नहीं मानता हूं। अजित को धोखेबाज कहने की अपेक्षा भाजपा ने उनका समर्थन क्यों लिया, जब भाजपा को पता था कि हमने अजित के खिलाफ आरोप लगाए हैं तो उनका समर्थन देने की क्या जरूरत थी। खडसे ने कहा कि हमने सिंचाई घोटाले को लेकर बैलगाड़ी-ट्रक भर सबूत दिए थे। उन्होंने व्यंगात्मक लहजे में कहा कि वह सभी सबूतों तो हमने बहुत पहले ही रद्दी में बेच दिया था। उस समय रद्दी की कीमत ज्यादा थी। 

हम बढ़ा सकते थे 25 सीटे

खडसे ने कहा कि अगर मुझे, पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, पूर्व मंत्री प्रकाश मेहता और पूर्व मंत्री विनोद तावडे को विधानसभा चुनाव में टिकट दिए बिना भी पार्टी में सक्रिय किया गया होता तो 25 सीटें बढ़ सकती थीं। खडसे ने कहा कि जानबूझकर मुझे पार्टी में किनारे कर दिया गया। मेरे सहित कई कार्यकर्ताओं को चुनाव के दौरान दूर रखा गया। दूसरी ओर खडसे के बयान पर फडणवीस ने कहा कि सही वक्त पर सही बात करूंगा। आप चिंता मत करिए। फडणवीस खडसे के बयान पर सीधे जवाब देने से बचते नजर आए। 
 

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