अब ‘ईवीएम भारत छोड़ो’ क्रांति की जरूरत : पटोले, मुुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा- EVM है सुरक्षित

अब ‘ईवीएम भारत छोड़ो’ क्रांति की जरूरत : पटोले, मुुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा- EVM है सुरक्षित

Tejinder Singh
Update: 2019-08-01 15:27 GMT
अब ‘ईवीएम भारत छोड़ो’ क्रांति की जरूरत : पटोले, मुुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा- EVM है सुरक्षित

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है कि 9 अगस्त 1945 को जिस तरह महात्मा गांधी ने ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ नारे के साथ अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति को जन्म दिया था, ठीक उसी तरह देश में ‘ईवीएम भारत छोड़ो’ का नारा देकर क्रांति लाने की आवश्यकता है। पटोले ने यहां कहा कि आज देश में कई संगठनों एवं राजनैतिक पार्टियों ने ईवीएम के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। सियासी दलों और विभिन्न संगठनों का मानना है कि देश में किसी भी स्तर पर होने वाले चुनावों को ईवीएम के बजाए बैलेट पेपर से कराया जाए। बैलेट पेपर से चुनाव होने पर चुनाव निष्पक्ष हो सकेगा। लेकिन सच्चाई यह है कि मोदी सरकार अपने फायदे के लिए यह मांग मानने को तैयार नहीं है। इसलिए अब न्याय के लिए क्रांति की आवश्यकता है। किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सोलंकी ने बताया कि 9 अगस्त 2019 को ‘ईवीएम भारत छोड़ो’ आंदोलन की शुरूआत होने जा रही है। राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर होने जा रहे ईवीएम भारत छोड़ो आंदोलन में देश के 200 से ज्यादा सामाजिक संगठन शिरकत करेंगे। इसमें किसान कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले भी शामिल होंगे।

ईवीएम पुरी तरह सुरक्षित, अफवाहों पर न दें ध्यान

उधर मुंबई में राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि ईवीएम पुरी तरह सुरक्षित है, अफवाहों पर ध्यान न दें। इलेट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) तकनीकी दृष्टि से अत्यंत सुरक्षित है इसमें गलत वोट नहीं दर्ज होता और इसकी सुरक्षा तोड़ना नामुमकिन है। इसलिए आम लोग ईवीएम को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों पर विश्वास न करें। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी बलदेव सिंह ने लोगों से यह अपील की है। एक बयान जारी कर गुरुवार को उन्होंने कहा कि हालिया लोकसभा चुनावों में देश के 61.3 करोड़ मतदाताओं ने 10 लाख से ज्यादा मतदान केंद्रों पर ईवीएम के जरिए मतदान किया साथ ही वीवीपैट के जरिए इस बात की पुष्टि की कि मतदान सही दर्ज हुआ है। हर ईवीएम राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में जांची और सीलबंद की जाती है। सील पर प्रतिनिधी के हस्ताक्षर भी लिए जाते हैं। कौन सी मशीन किस मतदान केंद्र पर जाएगी इसकी पहले से कोई जानकारी नहीं होती है। चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की अंतिम सूची तैयार होने के बाद यह तय किया जाता है कि किस नंबर का बटन किस उम्मीदवार के चुनाव चिन्हे के लिए दिया जाएगा। इसका भी पहले से अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। ईवीएम में किस क्रमांक पर किसका बटन है इसकी जानकारी हर उम्मीदवार को दी जाती है। मतदान शुरू होने से पहले ईवीएम मशीन पर डमी मतदान किया जाता है जिसमें उम्मीदवार के प्रतिनिधि खुद मतदान करते हैं इसके बाद नतीजों की जांच होती है साथ ही 100 फीसदी वीवीपैट स्लिप की जांच होती है। 2019 में एक करोड़ से ज्यादा मतदान प्रतिनिधियों ने मशीन को प्रमाणित किया है। मतगणना के पहले मशीन के नंबर का मिलान किया जाता है।

17 लोगों ने की थी वीवीपैट की शिकायत

सिंह के मुताबिक कुल 17 लोगों ने वीवीपैट में गलत मत दर्ज होने की शिकायत की थी लेकिन उन्हें फिर मतदान करने को कहा गया तो उनका दावा गलत निकला। 20687 वीवीपैट में मतों की संख्या ईवीएम में दर्ज मतों से मिलाई गई थी जिसमें से सिर्फ 8 ऐसे वीवीपैट मिले जिनके वोटों में अंतर आ रहा था। साथ ही कुल 1.25 करोड़ मतों की गिनती में सिर्फ 51 मत ऐसे थे जिनका मिलान नहीं हो सका था। बाद में हुई जांच में यह 0.0004 फीसदी की गड़बड़ी मानवीय भूल का नतीजा निकली। मशीन में कोई कमी नजर नहीं आई। चुनाव आयोग की ओर से लोगों से कहा गया है कि उन्होंने खुद मतदान के दौरान वीवीपैट से मिलान कर देखा होगा इसलिए अफवाहों पर विश्वास न करें। 

ईवीएम के विपक्ष निकाल रहा मोर्चा 

दरअसल कांग्रेस-राकांपा व मनसे सहित विपक्ष दल आगामी 9 अगस्त को मुंबई में ईवीएम के खिलाफ मोर्चा निकालने वाले हैं। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ईवीएम की खिलाफत के लिए पिछले दिनों कोलकता जाकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। 



 

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