राहुल गांधी को कोर्ट में पेशी से मिली राहत 25 जनवरी तक बढ़ी

मोदी मानहानि मामला  राहुल गांधी को कोर्ट में पेशी से मिली राहत 25 जनवरी तक बढ़ी

Tejinder Singh
Update: 2022-12-05 14:59 GMT
राहुल गांधी को कोर्ट में पेशी से मिली राहत 25 जनवरी तक बढ़ी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मानहानि टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे मानहानि के मामले में गिरगांव मैजिस्ट्रेट कोर्ट में उपस्थित से राहुल को मिली राहत को 25 जनवरी 2023 तक के लिए बढा दिया है। सोमवार को यह मामला न्यायमूर्ति अमित बोरकर के सामने सुनवाई के लिए आया। राहुल की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सुदीप पासबोला ने न्यायमूर्ति के सामने कहा कि इस मामले से जुड़ा शिकायतकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई टिप्पणी को अपनी बदनामी बता रहा है। इस पर न्यायमूर्ति ने कहा कि हम 20 जनवरी को मामले को सुनेंगे और मामले में याचिकाकर्ता(राहुलगांधी) को मिली राहत को 25 जनवरी तक के लिए बढाया जाता है। गिरगांव मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राहुल गांधी को 25 नवंबर 2021 को कोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया था।जिसके खिलाफ राहुल गांधी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता महेश श्रीश्रीमाल ने मुंबई के गिरगांव कोर्ट में राहुल के खिलाफ मानहानि की शिकायत की है। मजिस्ट्रेट कोर्ट में की गई शिकायत के मुताबिक राहुल ने सितंबर 2018 में राजस्थान में एक रैली की थी। इस दौरान राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अशोभनीय व मानहानि टिप्पणी की थी। उनकी इस टिप्पणी के चलते प्रधानमंत्री को मीडिया व सोशल मीडिया में ट्रोल किया गया था। शिकायत के मुताबित राहुल ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री को "कमांडर इन थीफ" बताया था। इस तरह से राहुल ने प्रधानमंत्री पर चोरी का आरोप लगाया था। यह पूरी तरह से मानहानिपूर्ण है। 

"कानूनी प्रक्रिया के दुरुपयोग का उदाहरण"

वहीं राहुल ने अपनी याचिका में इस शिकायत को तथ्यहीन बताया है और कहा है कि यह शिकायत कानूनी प्रक्रिया के दुरुपयोग का आदर्श उदाहरण है। याचिका में निचली अदालत के आदेश को खामीपूर्ण बताया गया है और कहा कि गया है कि आदेश में किसी कारण का उल्लेख नहीं किया गया है। महज तकनीकी रुप से आदेश जारी कर दिया गया है। इसलिए इस आदेश व मामले को खारिज कर दिया जाए। और निचली अदालत में इस शिकायत के आधार पर कोर्ट में जारी कार्यवाही पर रोक लगाई जाए। 
 

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