राज ठाकरे ने कहा- देश अराजकता की तरफ बढ़ रहा, जजों का समर्थन 

राज ठाकरे ने कहा- देश अराजकता की तरफ बढ़ रहा, जजों का समर्थन 

Tejinder Singh
Update: 2018-01-12 15:31 GMT
राज ठाकरे ने कहा- देश अराजकता की तरफ बढ़ रहा, जजों का समर्थन 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने केंद्र सरकार पर निशाने साधते हुए कहा है कि देश अराजकता की ओर बढ़ रहा है। यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चार जजों के बयान से स्पष्ट हो गया है कि न्याय व्यवस्था में केंद्र सरकार का हस्तक्षेप है। राज ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने एकदम सही कहा था कि देश को केवल ढाई आदमी चला रहे हैं। 

देश अराजकता की तरफ बढ़ रहा

 शुक्रवार को रत्नागिरी में पत्रकारों से बातचीत में राज ने केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि गुजरात चुनाव से सभी को पता चल गया कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग को केंद्र सरकार चला रही है। लेकिन अब न्याय व्यवस्था की हकीकत भी सामने आ गई है। राज ने कहा कि केंद्र सरकार सभी जगहों पर अपना नियंत्रण रखना चाहती है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट के जजों के लिए भी न्याय मांगने की नौबत आ गई है। अब यह बड़ा सवाल है कि अब न्याय किससे मांगा जाए। राज ने कहा कि यह पूरा प्रकरण सरकार को भारी पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट के चारों जजों द्वारा सीधे मीडिया के सामने आने पर उठाए जा रहे सवाल पर राज ने कहा कि उन जजों पर क्या बीती होगी कि वे मीडिया के सामने आने के लिए मजबूर हुए हैं। हमको इस पहलू के बारे में भी सोचना चाहिए। 

लोकतंत्र खतरे में- अन्ना हजारे

 समाज सेवक अण्णा हजारे ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने जो सवाल उठाए हैं, उससे बहुत दुख होता है। अगर न्याय व्यवस्था की यह स्थिति है, तो लोकतंत्र निश्चित रूप से खतरे में है।अन्ना ने कहा कि आज का दिन देश के लोकतंत्र के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। न्याय व्यवस्था हमारी सर्वोच्च व्यवस्था है। अगर वह इस तरह खतरे में आती है तो लोकतंत्र नहीं बच सकता। सुप्रीम कोर्ट स्वायत्त है। उन्हें किसी के दबाव में आने की क्या जरूरत है। वह चाहे तो सरकार को झुका सकती है। जिन जजों ने आज बड़े धैर्य के साथ न्याय व्यवस्था को ठेस पहुंचाने वाली बातें देश के सामने रखीं, उनका मैं अभिनंदन करता हूं। जो सवाल उठाए गए हैं, वह देश के लिए बहुत ही गंभीर विषय है। बहुत ही चिंता का विषय है। इन मुद्दों पर शीघ्र और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। लाखों वीरों की कुर्बानी के बाद जिस देश को यह आजादी मिली, और लोकतंत्र स्थापित हुआ, उस देश के लिए यह बड़ी शर्म की बात है कि सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ जजों को अपने मन का दर्द जनता के सामने रखना पड़ता है। जनता के लिए इस बात को सोचना जरूरी है कि अगर न्याय व्यवस्था मजबूर हो गई तो लोगों को न्याय कैसे मिलेगा?

4 जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की

आपको बतादें देश के इतिहास में पहली बार शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस जे चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने मीडिया से बात की। देश को न्याय दिलाने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज भी इस बात को कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। इस दौरान जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा कि "सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है और अगर ऐसा ही चलता रहा तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा।" 

Similar News