राज बोले - परप्रांतियों को लेकर मेरी भूमिका महाराष्ट्र के लिए ठीक, फडणवीस ने कहा - हमें भेदभाव स्वीकार नहीं

राज बोले - परप्रांतियों को लेकर मेरी भूमिका महाराष्ट्र के लिए ठीक, फडणवीस ने कहा - हमें भेदभाव स्वीकार नहीं

Tejinder Singh
Update: 2021-07-29 13:59 GMT
राज बोले - परप्रांतियों को लेकर मेरी भूमिका महाराष्ट्र के लिए ठीक, फडणवीस ने कहा - हमें भेदभाव स्वीकार नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने परप्रांतियों के बारे में अपनी भूमिका को लेकर भाजपा को दो टूक जवाब दिया है। गुरुवार को पुणे में पत्रकारों से बातचीत में राज ने कहा कि परप्रांतियों को लेकर भूमिका स्पष्ट क्या करनी है? मेरी भूमिका स्पष्ट है। परप्रांतियों को लेकर मेरी भूमिका महाराष्ट्र हित की है। इसमें देश हित की भी बातें हैं कि हर राज्य को अपनी-अपनी जिम्मेदारी कैसे निभानी चाहिए। कोई राज्य हम पर आक्रामण न करे। हम किसी राज्य पर आक्रामण नहीं करेंगे। राज ने कहा कि असम और मिजोरम सीमा विवाद को देख लीजिए। वहां पर क्या चल रहा है? दोनों राज्य अपने हितों का विचार कर रहे हैं। राज ने कहा कि मनसे और भाजपा के बीच गठबंधन का कयास केवल मीडिया की ऊपज है। मीडिया की ओर से पहले अटकलें लगाई जाती हैं। फिर मुझसे सवाल किया जाता है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के विरोध में प्रचार करने के सवाल पर राज ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध नहीं किया था बल्कि उनकी नीतियों का विरोध किया था। उनकी जो बातें मुझे अच्छी लगी थी उनका समर्थन भी किया था। 

मैंने पाटील को क्लिप नहीं भेजी

राज ने स्पष्ट करते हुए कहा कि मैंने परप्रांतियों के बारे में अपनी भूमिका को लेकर उत्तर भारतीयों के मंच पर दिए गए  भाषण की क्लिप प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील को नहीं भेजी है। राज ने कहा कि मैंने पाटील को कहा था कि भाषण की क्लिप भेजूंगा लेकिन मैंने उन्हें भेजा नहीं है। मैं पाटील से पूछूंगा कि उन्हें क्लिप कैसे मिली। मेरे किसी सहयोगी ने क्लिप भेजी होगी तो यह मुझे पता करना पड़ेगा। राज ने कहा कि पाटील मुझसे नाशिक में मिले थे। उस समय परप्रांतियों को लेकर मेरी भूमिका के बारे में चर्चा हुई। मैंने पाटील से कहा कि साल 2018 में मैंने उत्तर भारतीयों के मंच पर हिंदी में भाषण के जरिए परप्रांतियों को लेकर अपनी भूमिका स्पष्ट की थी। मेरे भाषण को उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग समझ गए लेकिन आप अभी तक समझ नहीं पाए। इसलिए मैंने उनसे कहा कि यदि आप समझ नहीं पाए हैं तो मैंने अपने भाषण की क्लिप भेज दूंगा।  

भाषा और प्रांत के नाम पर भेदभाव भाजपा को स्वीकार नहीं- फडणवीस 

दूसरी तरफ विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मनसे ने हिंदुत्व को स्वीकार किया है। यह मनसे और भाजपा के गठजोड़ के लिए एक महत्वपूर्ण धागा है। लेकिन हमें मनसे से व्यापक हिंदुत्व को स्वीकार करने की अपेक्षा है। भाजपा को भाषा और प्रांत के नाम पर भेदभाव स्वीकार नहीं है। फडणवीस ने कहा कि राज जब तक परप्रांतियों को लेकर अपनी भूमिका स्पष्ट नहीं करते हैं तब तक भाजपा का मनसे से गठबंधन को लेकर बंधन है। फडणवीस ने कहा कि राज से भाजपा के नेताओं से मुलाकात चलती रहेगी। मैं भी उनसे मुलाकात कर सकता हूं। 
 

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