आइसोलेशन वार्ड में घट रहे संसाधन, कम से कम उपयोग की हिदायत 

आइसोलेशन वार्ड में घट रहे संसाधन, कम से कम उपयोग की हिदायत 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-26 09:48 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क जबलपुर  । जिले में कोरोना से लडऩे के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध संसाधन कम होते जाने से अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। आइसोलेशन वार्ड में  पर्सनल प्रोटेक्शन (पीपी) किट सबसे अहम मानी जाती है, संदिग्ध या पॉजिटिव मरीज के संपर्क में रहने वाले डॉक्टर और अन्य स्टाफ यहाँ तक कि वहाँ के वार्ड ब्वाय को भी यह किट पहननी अनिवार्य है। कोरोना या किसी अन्य वायरस से बचाव करने वाली यह किट्स अब घटती जा रहीं हैं। जिले में इसका स्टाफ मात्र 410 रह गया है। इसके अलावा सुखसागर मेडिकल कालेज में 300 किटें पहुँचाई गईं थीं, जिनमें अब 225 के करीब ही बचीं हैं। यदि मरीजों की या संदिग्धों की संख्या बढ़ती है तो किटों की यह कमी परेशानी में डाल सकती है। यह किट एक बार ही उपयोग होती है। अधिकारियों का कहना है कि पीपी किटों की देश में कमी है, इसका प्रोडक्शन कम होने के कारण इसकी आपूर्ति प्रभावित हो रही है। वहीं संक्रमण से बचने के लिए उपयोग किए जाने वाला टाइबर सूट सिर्फ एक ही है। आइसोलेशन वार्ड में फर्श सफाई का भी बड़ा महत्व है, इसके लिए सोडियम हाईपोक्लोराइड कैमिकल जरूरी होता है, जिसका स्टाक स्वास्थ्य विभाग के पास सिर्फ 10 लीटर ही है। 
टीवी आ गईं लेकिन कोई लगाने तैयार नहीं 
सुखसागर मेडिकल कालेज में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में भर्ती संदिग्धों के दिन बड़े तकलीफ में गुजर रहे हैं। कुछेक तो ऐसे हैं जिनको कपड़े तक लाने का मौका दिए बगैर ही उठाकर यहाँ भर्ती कर दिया गया, अब वे नहाने तक को मोहताज हैं। वहीं यह कहा गया था कि आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किए जाने वालों को मनोरंजन के लिए टीवी लगाई जाए। सुखसागर मेडिकल कालेज में चार टीवी तो खरीद कर पहुँचा दी गई हैं, लेकिन समस्या उसको लगाने की है। बताया जा रहा है कि इस वार्ड में संक्रमण के डर से कोई टीवी इंस्टाल करने नहीं आ रहा है, वहीं कई तो कफ्र्यू का बहाना बना रहे हैं। 
 

Tags:    

Similar News