सागर ननि की जमीन की जाँच के बाद हटाओ संपूर्ण अतिक्रमण

सागर ननि की जमीन की जाँच के बाद हटाओ संपूर्ण अतिक्रमण

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-06 09:39 GMT
सागर ननि की जमीन की जाँच के बाद हटाओ संपूर्ण अतिक्रमण

हाईकोर्ट ने कलेक्टर को रिपोर्ट पेश करने का दिया आदेश
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने सागर कलेक्टर को आदेशित किया है कि सागर नगर निगम की परकोटा वार्ड स्थित जमीन की जाँच के बाद संपूर्ण अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश की जाए। डिवीजन बैंच ने यह आदेश सागर कलेक्टर की उस रिपोर्ट के आधार पर जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि नगर निगम की जमीन पर केवल 450 वर्ग फीट जमीन पर अतिक्रमण पाया गया है। इसके साथ ही कलेक्टर के आदेश से प्रभावित होने वाले पक्ष को न्यायालय जाने की छूट प्रदान की गई है। याचिका की अगली सुनवाई 15 फरवरी को नियत की गई है।
ये है मामला-यह याचिका सागर निवासी जगदीश प्रसाद तिवारी ने की है। याचिका में कहा गया कि सागर नगर निगम के परकोटा वार्ड में नगर निगम की 4400 वर्ग फीट जमीन है। इस जमीन पर अतिक्रमण करने के बाद कई लोगों ने छल पूर्वक इसे अपने नाम करा लिया है। नगर निगम आयुक्त और कलेक्टर से की गई शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने 11 मई 2015 में नगरीय प्रशासन मंत्रालय को जाँच का आदेश दिया। नगरीय प्रशासन मंत्रालय की जाँच में अतिक्रमण होना पाया गया। जाँच में यह भी पाया गया कि नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से जमीन को अतिक्रमणकारियों के नाम पर कराया गया है। इस मामले में नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया। नगर निगम ने एफआईआर दर्ज नहीं कराई। इसके बाद जनहित याचिका दायर की गई।
कलेक्टर ने नहीं की निष्पक्ष जाँच
हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने 6 अक्टूबर 2020 को सागर कलेक्टर को नगर निगम की जमीन पर अतिक्रमण की जाँच करने और अतिक्रमण पाए जाने पर हटाने का आदेश दिया था। सागर कलेक्टर की ओर से पेश रिपोर्ट में कहा गया कि संबंधित जमीन पर केवल 450 वर्गफीट पर अतिक्रमण पाया गया है। अधिवक्ता संजीव चंसोरिया ने तर्क दिया कि कलेक्टर द्वारा अतिक्रमण की निष्पक्ष तरीके से जाँच नहीं की गई। डिवीजन बैंच ने सागर कलेक्टर को नगर निगम की जमीन की जाँच कर संपूर्ण अतिक्रमण हटाकर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।
 

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