पदोन्नति में आरक्षण मामला : चुनौती देने के लिए सरकार के पास सिर्फ 12 सप्ताह का समय
पदोन्नति में आरक्षण मामला : चुनौती देने के लिए सरकार के पास सिर्फ 12 सप्ताह का समय
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सरकारी और अर्द्धसरकारी दफ्तरों में अधिकारी-कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण रद्द करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए राज्य सरकार के पास 12 सप्ताह का समय है। जस्टिस अनूप मोहता और जस्टिस एए सैयद की बेंच ने सरकार को पदोन्नति रद्द होने से जुड़े आवश्यक बदलाव के लिए 12 सप्ताह का समय दिया है।
मुख्य सरकारी वकील अभिनंदन व्याज्ञानी ने आदेश स्थगित करने का अनुरोध किया था, ताकि राज्य सरकार फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सके। इस पर कोर्ट ने 12 सप्ताह का स्टे दे दिया है। इससे पहले हाईकोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण लागू करने के लिए सरकार द्वारा 25 मई 2004 को जारी किए गए अध्यादेश को बहुमत से रद्द कर दिया था। पदोन्नति में आरक्षण से जुड़ा कानून 2001 में बनाया गया था और बाद में शासनादेश जारी किया गया था। सरकार के इस फैसले को मैट ने संविधान के खिलाफ बताते हुए कोर्ट में चुनौती दी थी।