न्यायिक हिरासत में भेजा गया सचिन वाझे, लेटर लीक करने पर मिली फटकार

न्यायिक हिरासत में भेजा गया सचिन वाझे, लेटर लीक करने पर मिली फटकार

Tejinder Singh
Update: 2021-04-09 16:15 GMT
न्यायिक हिरासत में भेजा गया सचिन वाझे, लेटर लीक करने पर मिली फटकार

डिजिटल डेस्क,मुंबई। विशेष अदालत ने उद्योगपित मुकेश अंबानी के घर एंटिलिया के बाहर मिली विस्फोटक लदी कार से जुड़े मामले और कारोबारी मनसुख हिरेन की हत्या के प्रकरण में आरोपी निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से वाझे की हिरासत की मांग नहीं की गई। इसे देखते हुए न्यायाधीश पीआर सिंत्रे ने वाझे को 23 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

शुक्रवार को वाझे की हिरासत अवधि खत्म हो रही थी। इसलिए उसे कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान एनआईए की ओर से वाझे की हिरासत की मांग नहीं की गई। इसके मद्देनजर वाझे को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वाझे को इस मामले में 13 मार्च 2021 को गिरफ्तार किया गया था। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने मामले को लेकर कई खुलासे किए। जिसके तहत वाझे के पास मिली नकदी, बेहिसाबी कारतूस व बैंक खाते में जमा डेढ करोड़ रुपए राशि का समावेश था। एनआईए ने दावा किया था कि एंटीलिया से जुड़ी साजिश में हिरेन भी शामिल था। जिसके चलते उसकी जान गई है। वहीं इस बीच वाझे ने कोर्ट को पत्र लिखकर कई सनसनीखेज खुलासे किए थे। इसके साथ ही कहा था कि उसे इस मामले में बली का बकरा बनाया गया है। 

लेटर लीक करने पर वाझे को मिली फटकार

सुनवाई के बीच न्यायाधीश ने वाझे द्वारा सात अप्रैल को अपना पत्र कोर्ट में जमा करने की बजाय मीडिया में सार्वजनिक करने को लेकर नाराजगी जाहिर की और फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि अब ऐसी हरकत फिर नहीं होनी चाहिए। न्यायाधीश ने कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा की निर्धारित प्रक्रिया के तहत पत्र को कोर्ट में जमा करना चाहिए था। लेकिन आरोपी व उनके वकील ने ऐसा नहीं किया। एनआईए की ओर से पैरवी कर रहे विशेष सरकारी वकील सुनील गोंजाल्विस ने पत्र के विषय में न्यायाधीश का ध्यानकर्षित कराया। उन्होंने कहा कि आरोपी को अदालत में जो भी कहना है,उसे कानून के तहत निर्धारित प्रक्रिया के तहत लिखकर बताने या जमा करने का अवसर दिया गया था। इसके बावजूद आरोपी ने पिछली सुनवाई पर अपने वकीलों को कुछ दस्तावेज
दिये।

सरकारी वकील ने न्यायाधीश के सामने स्पष्ट किया कि एनआईए को भी आरोपी के पत्र व किसी  दस्तावेज की जानकारी नहीं थी। पिछली सुनवाई के दौरान आरोपी को पांच मिनट के लिए अपने वकीलों से बात करने की अनुमति दी गयी थी और जिसका उन्होंने फायदा उठाया। इस पर वाझे के वकील पोंडा ने कहा कि मैं खुद हैरान हूं, मुझे इसके बारे में जानकारी नहीं है और मैं इसमें शामिल भी नहीं हूं।आरोपी के प्रति नाराजगी जताते हुए न्यायाधीश ने कहा कि इस तरह की हरकत अब नहीं होने चाहिए। 

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